माननीय केन्द्रीय मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान द्वारा जटनी में रखी गई एनएसटीआई प्लस की आधारशिला 

देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘कौशल भारत-कुशल भारत’ के विजन को साकार करने की दिशा में, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय ने भुवनेश्वर के जटनी में राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान (एनएसटीआई) प्लस की एक नई शुरूआत की है। इस एनएसटीआई प्लस की  आधारशिला केन्द्रीय शिक्षा तथा कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान द्वारा रखी गई। ये एनएसटीआई प्लस वर्ल्ड क्लास मॉर्डन और न्यू एज़ स्किल्स से लैस होंगे। भुवनेश्वर के जटनी में एनएसटीआई प्लस 7.8 एकड़ में प्रस्तावित है। स्टेट ऑफ द आर्ट वाला एनएसटीआई प्लस, ओडिशा के लिए एक वर्सेटाइल स्किल सेंटर और भावी उद्यमियों के लिए एक महत्वपूर्ण एवं इंटीग्रेटेड कैंपस होगा। यह इंस्टीट्यूट, हाई क्वालिटी स्किल ट्रेनिंग पर भी फोकस करेगा। समग्र शिक्षा अभियान के तहत आईआईटी द्वारा स्कूली शिक्षकों के लिए चल रहे प्रशिक्षण कार्यक्रमों की तर्ज पर कार्यक्रम चलाए जाएंगे। इसके साथ ही उभरते स्टार्ट-अप, इन्क्यूबेशन सेन्टर और वर्सटाइल हब विकसित करने में एनएसटीआई प्लस की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

केन्द्रीय शिक्षा तथा कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान की इस समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थिति रही। इस समारोह में अन्य गणमान्य व्यक्तियों में ओडिशा सरकार के ग्रामीण विकास, कौशल विकास और तकनीक शिक्षा मंत्री श्री प्रीतिरंजन घराई, भुवनेश्वर की सांसद श्रीमती अपराजिता सारंगी, माननीय राज्यसभा सांसद श्री मुजीबुल्ला खान, ओडिशा विधान सभा सदस्य सुरेश कुमार राउत्रे, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी, प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) की डारेक्टर जनरल श्रीमती त्रिशालजीत सेठी और एआईसीटीई के अध्यक्ष श्री टी.जी सीताराम उपस्थित रहे। एनएसटीआई पहल के तहत जटनी में राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान की आधारशिला रखते हुए माननीय शिक्षा और कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि “एनएसटीआई का आगामी अत्याधुनिक एकीकृत परिसर, नए भारत के युवाओं को 21वीं सदी में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए आवश्यक अत्याधुनिक कौशल और ज्ञान देकर सशक्त बनाएगा। इसके साथ ही यह उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करेगा और मास्टर प्रशिक्षकों को विशेषज्ञता से सुसज्जित करेगा। यह भविष्य की इन्डस्ट्री डिमान्ड और विकसित भारत के विज़न को साकार करने में मदद करेगा”।

देश भर में कुल 33 एनएसटीआई हैं। ये एनएसटीआई देश की युवा शक्ति को वोकेशनल एजुकेशन और कौशल प्रशिक्षण दे रहे हैं। इसमें से कुल 19 एनएसटीआई महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण देने पर केन्द्रित हैं। एनएसटीआई प्लस लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म कौशल प्रशिक्षण देने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके साथ ही एनएसटीआई प्लस में इंडस्ट्री की मांग के अनुरूप आधुनिक क्षेत्रों में मास्टर ट्रेनर्स भी तैयार किए जाएंगे। एनएसटीआई प्लस में लॉन्ग-टर्म सीआईटीएस प्रशिक्षण के अन्तर्गत लगभग 500 प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें अपस्किलिंग और री-स्किलिंग के लिए अन्य 500 प्रशिक्षकों को भी शामिल किया जाएगा। प्रशिक्षण और असेसमेन्ट आउटकम के बीच गैप को पाटने के लिए एनएसटीआई असेसर के लिए ट्रेनिंग सेन्टर के रूप में कार्य करेंगे। इसके अतिरिक्त यह संस्थान इंजीनियर, सुपरवाइजर, टेक्निशियन, एग्जीक्यूटिव और विभिन्न वर्कशॉप में कार्यरत लोगों के लिए भी आधुनिक ट्रेनिंग की सुविधा उपलब्ध कराएगा ताकि उदयोगों की मांग के अनुसार उन्हें कुशल बनाया जा सके। इस कैंपस में आईटीआई के छात्रों के लिए न्यू-एज के पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण की व्यवस्था भी होगी। इसी तरह एनएसटीआई प्लस में चलने वाले करिकुलम, ट्रेनिंग और मॉड्यूल को इंडस्ट्री के विशेषज्ञों के साथ मिलकर तैयार किया जा रहा है।

By Business Bureau

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