यह सुनिश्चित करने के लिए कि प्रत्येक भारतीय को गुणवत्तापूर्ण कौशल विकास, प्रासंगिक अवसर और उद्यमशीलता सहायता प्राप्त हो, केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज स्किल इंडिया डिजिटल (एसआईडी) प्लेटफ़ॉर्म लॉन्च किया, जो एक व्यापक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है, जिसका उद्देश्य भारत के कौशल, शिक्षा, रोजगार और उद्यमिता परिदृश्य में तालमेल बिठाने और बदलाव लाने के लिए है। यह प्लेटफ़ॉर्म उन लाखों भारतीयों की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतीक है जो बेहतर अवसर और उज्जवल भविष्य चाहते हैं क्योंकि यह इंडस्ट्री-रेलेवेंट स्किल कोर्सेज़, जॉब के अवसर और उद्यमिता सहायता प्रदान करता है। इस कार्यक्रम में कौशल विकास और उद्यशीलता और इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी राज्य मंत्री श्री राजीव चन्द्रशेखर भी उपस्थित थे। एसआईडी भारत के कौशल, शिक्षा, रोजगार और इंटरप्रेन्योरशिप इकोसिस्टम के लिए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) है।
डिजिटल टेक्नोलॉजी और इंडस्ट्री 4.0 स्किल्स पर ध्यान केंद्रित करते हुए, कौशल विकास को और अधिक इनोवेटिव, एक्सेसिबल और व्यक्तिगत बनाने के विज़न से प्रेरित, अत्याधुनिक प्लेटफॉर्म कुशल प्रतिभाओं की नियुक्ति में तेजी लाने, आजीवन सीखने और कैरियर प्रगति में सुविधा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका होगी। यह प्लेटफ़ॉर्म डिजिटल कौशल और डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए डीपीआई और डिजिटल अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए जी20 फ्रेमवर्क में व्यक्त विज़न के साथ पूरी तरह से मेल खाता है। यह सभी सरकारी कौशल और उद्यमिता पहलों के लिए एक व्यापक सूचना प्रवेश द्वार भी है जो करियर में उन्नति और आजीवन सीखने की चाह रखने वाले नागरिकों के लिए एक हब है। अपने संबोधन में, श्री धर्मेंद्र प्रधान ने सभी के लिए उपलब्ध, सुलभ, सस्ती और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की मजबूत प्रतिबद्धता के साथ स्किल इंडिया डिजिटल पोर्टल और ऐप के लॉन्च पर प्रकाश डाला। श्री प्रधान ने शिक्षा मंत्रालय की सभी उपलब्धियों को फाउंडेशन के रूप में भी स्वीकार किया और इस बात पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा सभी प्रयासों से पहले है, यहां तक कि चंद्रयान जैसे उपक्रमों से भी पहले है।
उन्होंने हर किसी के लिए, कभी भी और कहीं भी कौशल की पहुंच की वकालत की। मंत्री ने विशेष रूप से कुशल जनशक्ति और मुद्रास्फीति प्रबंधन की वैश्विक जरूरतों के सामने लचीलेपन के महत्व पर जोर दिया। डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) पर भारत के अनूठे फोकस पर भी प्रकाश डाला गया, जिसका लक्ष्य सभी के लिए सुलभ डिजिटल नेटवर्किंग बनाना है, जिसमें अगले तीन वर्षों में 6 लाख गांवों में ऑप्टिकल फाइबर इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करने की योजना भी शामिल है। उन्होंने कहा कि इन पहलों से नव-मध्यम वर्ग और मध्यम वर्ग को काफी लाभ होगा। इसके अतिरिक्त, उन्होंने भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश और इसके युवाओं के बीच स्मार्टफोन के व्यापक उपयोग पर प्रकाश डाला। श्री प्रधान ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की तुलना में ह्यूमन इंटेलिजेंस (एचआई) के महत्व पर जोर देते हुए निष्कर्ष निकाला कि एचआई इनोवेशन को आगे बढ़ाने के लिए एआई का प्रभावी ढंग से उपयोग कर सकता है।