भारतीय भाषाओं और साहित्य में ज्ञान का जश्न मनाने के लिए न्यू इंडिया फाउंडेशन की पहल

न्यू इंडिया फाउंडेशन(एनआईएफ)ने 2024 में प्रदान की जाने वाली NIF ट्रांसलेशन फैलोशिप के दूसरे दौर के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की है। NIF ट्रांसलेशन फैलोशिप का उद्देश्य भारतीय भाषाओं में किए गए महत्वपूर्ण नॉन-फिक्शन कार्यों के अंग्रेजी अनुवाद को प्रोत्साहित करना है। यह फैलोशिप भारत की विभिन्न भाषाओं और साहित्यिक ज्ञान परंपराओं के माध्यम से देश के समृद्ध इतिहास को खूबसूरत तरीके से प्रदर्शित करेगी। इस फैलोशिप के पहलेराउंड (बांग्ला, कन्नड़ और मराठी को दिया गया) का प्रकाशन 2025 तक किया जाएगा। ये तीन महत्वपूर्ण अनुवाद फ्लैगशिप बुक फैलोशिप प्रोग्राम के माध्यम से न्यू इंडिया फाउंडेशन के तहत पहले प्रकाशित की गईं 32 पुस्तकों के अतिरिक्त होंगे। ट्रांसलेशन फैलोशिप के जरिये हमारा उद्देश्य स्वतंत्र भारत के सभी पहलुओं पर अनुसंधान और लेखन को प्रायोजित करने के NIF के प्रयासों को आगे लेकर जाना है।
जिन दस भारतीय भाषाओं के लिए अनुवादकों से प्रस्ताव आमंत्रित किए जा रहे हैं उसमें असमिया, बांग्ला, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, मराठी, मलयालम, उड़िया, तमिल और उर्दू शामिल हैं।फैलोशिप के प्रतिभागियों के चयन और उनके समर्थन के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक भाषा में एक भाषा विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है। इस समिति में एक प्रमुख भारतीय लेखक और विद्वान को विशेषज्ञ के रूप में शामिल किया जाता है। पाठ की पसंद, अनुवाद की गुणवत्ता और संपूर्ण प्रोजेक्ट प्रपोजल के आधार पर यह फैलोशिप प्रदान की जाएगी। 10 भाषाओं में से किसी भी भाषा का नॉन-फिक्शन सोर्स टेक्स्ट यदि वर्ष 1850 के बाद से भारतीय इतिहास के किसी भी सामाजिक-आर्थिक/सांस्कृतिक पहलू पर प्रकाश डालता है, तो उसका चयन किया जा सकता है। यहां शैली की कोई बाध्यता नहीं है। NIF ट्रांसलेशन फैलोशिप के लिए 1947 के बाद के भारत के अपने मिशन का विस्तार करते हुए व्यापक रूप से परिभाषित आधुनिक भारत को शामिल कर रहा है।
फैलोशिप प्राप्त करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को 6 लाख रुपये का स्टायपंड प्रदान किया जाएगा। उसे यह प्रोजेक्ट 6 महीने की अवधि में पूरा करना होगा। ऐतिहासिक भारतीय भाषा के ग्रंथों के अंग्रेजी अनुवाद पर काम करने वाले अनुवादकों/लेखकों को यह ट्रांसलेशन फैलोशिप प्रदान की जाएगी। वर्ष के अंत तक, फैलोशिप पाने वालों से अनुवादित कार्यों को प्रकाशित करने की अपेक्षा की जाती है, जो उनके चुने गए प्रस्तावों का एक विस्तार होगा।
इस पहल के बारे में बात करते हुए, न्यू इंडिया फाउंडेशन के मैनेजिंग ट्रस्टी मनीष सभरवाल ने कहा: “अनुवादफैलोशिपभारतीयभाषाओंमेंउपलब्धभारतीयज्ञानकोअंग्रेजीमेंप्रकाशितकरतेहुएबड़ेपाठकवर्गतकइसेपहुंचाने का एक प्रयास है। हमारी भाषाओं में समृद्ध बौद्धिक परंपराएं हैं जिन्हें पाठकों तक सुलभ बनाया जाना चाहिए और हम इसी दिशा में प्रयास कर रहे हैं।

By Business Bureau

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *