सेबी के नए नियम: म्यूचुअल फंड में निवेश होगा सस्ता, ब्रोकरेज शुल्क में भारी कटौती

भारतीय बाजार नियामक सेबी ने खुदरा निवेशकों के हितों की रक्षा और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए म्यूचुअल फंड के ब्रोकरेज शुल्कों में बड़ी कटौती की है। नए नियमों के अनुसार, कैश मार्केट में ब्रोकरेज शुल्क की सीमा को 12 बेसिस पॉइंट्स (0.12%) से घटाकर 6 बेसिस पॉइंट्स (0.06%) कर दिया गया है। इसी तरह, डेरिवेटिव सेगमेंट में इसे 5 बेसिस पॉइंट्स से घटाकर केवल 2 बेसिस पॉइंट्स कर दिया गया है। इसके अलावा, निवेशकों से वसूले जाने वाले अतिरिक्त 5 बेसिस पॉइंट्स के ‘एग्जिट लोड’ शुल्क को भी पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। ये सभी बदलाव 1 अप्रैल 2026 से प्रभावी होंगे, जिससे निवेशकों के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश करना पहले की तुलना में काफी किफायती हो जाएगा।


सेबी बोर्ड ने आईपीओ प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए ‘एब्रिज्ड प्रॉस्पेक्टस’ (संक्षिप्त विवरण पुस्तिका) के मसौदे को भी मंजूरी दी है, जिससे निवेशकों के लिए कंपनी के जोखिम और वित्तीय स्थिति को समझना आसान होगा। साथ ही, अब स्टॉक एक्सचेंज ही ब्रोकरों के लिए प्राथमिक नियामक के रूप में कार्य करेंगे। ऋण बाजार में निवेशकों की भागीदारी बढ़ाने के लिए वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं को अतिरिक्त ब्याज या छूट जैसे प्रोत्साहन देने की अनुमति दी गई है। इसके अतिरिक्त, ‘हाई वैल्यू डेट लिस्टेड एंटिटी’ की सीमा ₹1,000 करोड़ से बढ़ाकर ₹5,000 करोड़ कर दी गई है, जिससे बड़ी कंपनियों के लिए पूंजी जुटाने की प्रक्रिया और आसान हो जाएगी।

By rohan