सत्या नडेला ने साल 1992 में माइक्रोसॉफ्ट जॉइन किया था। कंपनी के साथ इतने लंबे वक्त तक जुड़े रहने के दौरान उन्होंने कई योजनाओं पर कार्य किया। माइक्रोसॉफ्ट में उनकी शुरुआत सर्वर ग्रुप से हुई थी। दुनिया की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से एक माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन पद पर भारतवंशी सत्या नडेला पहुंच चुके हैं। सत्या भले ही करोड़ों डॉलर की रकम हर साल पाते हों। लेकिन वो अपनी भारतीय कमजोरियों को छोड़ नहीं पाए हैं।
नडेला को 2014 में माइक्रोसॉफ्ट का सीईओ बनाया गया था। जब उन्होंने यह पद संभाला था तो कंपनी कई तरह की परेशानियों से गुजर रही थी। नडेला ने न सिर्फ माइक्रोसॉफ्ट को इन परेशानियों से बाहर निकाला बल्कि उसे नई बुलंदियों तक पहुंचाया। उन्होंने क्लाउड कंप्यूटिंग, मोबाइल ऐप्लिकेशनंस और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर फोकस किया और साथ ही ऑफिस सॉफ्टवेयर फ्रेंजाईजी को भी आगे बढ़ाया। नडेला ने साल 2019 में 4.29 करोड़ डॉलर कमाए, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 65 फीसदी अधिक थी।