सैमसंग, भारत के सबसे बड़े कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स ब्राण्ड, ने देश के चुनिंदा स्कूलों में अपनी पहलह डिजाइन थिंकिंग एण्ड ट्रेनिंग वर्कशॉप की पेशकश की है। यह अनोखी पहल सैमसंग के ‘सॉल्व फॉर टुमॉरो’ प्रोग्राम का हिस्सा है। यह ‘ह्यूमन-सेंटर्ड डिजाइन थिंकिंग’ की रूपरेखा के माध्यम से विद्यार्थियों में जरूरी कौशल बढ़ाने पर फोकस करती है। इन कौशल में प्रॉब्लम सॉल्विंग, क्रिटिकल थिंकिंग, प्रोबिंग और क्रियेटिविटी शामिल हैं। राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा एवं नवाचार प्रतियोगिता का मकसद अगली पीढ़ी में नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देना है।
खासकर भारत के लिये तैयार की गई, एक दिन की वर्कशॉप ने विद्यार्थियों को डिजाइन थिंकिंग के आइडिया काो पसंद करने लिये प्रोत्साहित किया। उन्हें दुनिया की असल समस्याओं को समझने और हल करने की प्रेरणा भी मिली। शैक्षणिक पाठ्यक्रम के अंतर्गत ‘ह्यूमन-सेंटर्ड डिजाइन थिंकिंग’ समस्याओं को हल करने का एक दमदार तरीका है। डिजाइन की दुनिया की प्रक्रियाओं और टूल्स का इस्तेमाल कर ह्यूमन-सेंटर्ड डिजाइन की रूपरेखा संवेदना, परिभाषा, जगह, प्रोटोटाइपिंग और परीक्षण पर जोर देती है। फिर ऐसे समाधान मिलते हैं, जो लोगों का जीवन बेहतर बनाते हैं।
सैमसंग साउथवेस्ट एशिया के कॉर्पोरेट वाइस प्रेसिडेंट एसपी चुन ने कहा, ‘‘सैमसंग सॉल्व फॉर टुमॉरो हमारी सोच का हिस्सा है। हम अगली पीढ़ी को सशक्त करना चाहते हैं और देश में नवाचार के लिये एक इकोसिस्टम बनाना चाहते हैं। हमारा मानना है कि बच्चे नवाचार के अग्रदूत हैं और उन्हें छोटी उम्र से ही बढ़ावा मिलना चाहिये। डिजाइन थिंकिंग वर्कशॉप को इस साल 10 स्कूलों में पायलट के तौर पर पेश किया गया है। इस तरह नन्हे विद्यार्थी प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिये प्रेरित होंगे। इसमें समस्या को हल करना, साथ मिलकर काम करना और रचनात्मक चिंतन शामिल है। इन ऑफलाइन सेशंस के जरिये स्कूली विद्यार्थी मूलभूत सिद्धांतों पर सवाल करने, असली दुनिया की समस्याओं को पहचानने और तकनीक पर आधारित समाधान देने का अनोखा मौका पाएंगे।’’