सैमसंग इंडिया ने सैमसंग E.D.G.E का आठवां संस्करण लॉन्च किया कैम्पस कार्यक्रम

147

सैमसंग इंडिया ने आज अपने पैन-इंडिया कैम्पस प्रोग्राम सैमसंग E.D.G.E के आठवें संस्करण की घोषणा की है। इस प्रतिस्पर्धा में भारत के अग्रणी संस्थानों की युवा प्रतिभाओं को वास्तविक दुनिया की समस्याओं पर काम करने के लिए आमंत्रित किया गया है। यहां प्रतिभागियों को सैमसंग के टॉप लीडर्स से सीखने और बेजोड़ समाधान पेश करने का अवसर मिलेगा।इस प्रतियोगिता में टॉप बी-स्कूलों, इंजीनियरिंग कॉलेजों और डिजाइन स्कूलों सहित 35 कैम्पस के छात्र भाग लेंगे। यह ईवेंट सभी कैम्पस में आयोजित किया जाएगा।

यह प्रोग्राम तीन राउंड में आयोजित किया जाएगा। इसका पहला राउंड आइडिएशन पर केंद्रित होगा। यहां टीम के सदस्यों से अपेक्षा की जाती है कि वे गहरी रिसर्च और एनालिसिस के आधार पर आपस में मिलकर काम करेंगे और एक एक्जीक्यूटिव केस समरी तैयार करेंगे। कैम्पस राउंड के बाद, 45 शॉर्टलिस्टेड टीमें रीजनल राउंड में जाएंगी। इस राउंड में वे केस स्टडीज़ पर काम करेंगे और इससे जुड़े विस्तृत सॉल्यूशन पेश करेंगे और सबमिट करेंगे। रीजनल राउंड खत्म होने के बाद, टॉप 10 टीमों का चयन किया जाएगा। इन टॉप 10 टीमों के सॉल्यूशन पर उन्हें सैमसंग लीडर्स की ओर से मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा। ये आखिरी 10 टीमें नेशनल राउंड में प्रतिस्पर्धा करेंगी। इसके बाद टॉप तीन टीमों को विजेता घोषित किया जाएगा।

प्रत्येक टीम में विभिन्न स्पेशलाइजेशन के अधिकतम तीन छात्र शामिल होंगे। प्रत्येक टीम अत्याधुनिक इनोवेशन और लीडरशिप स्किल का प्रदर्शन करते हुए अपना खास सॉल्यूशन पेश करेगी। शीर्ष तीन टीमों के पास नकद पुरस्कार, एक फ्लैगशिप गैलेक्सी स्मार्टफोन और सैमसंग के साथ काम करने का संभावित अवसर जीतने का मौका है।
श्री समीर वधावन, हेड, ह्यूमन रिसोर्स, सैमसंग इंडिया ने कहा, “सैमसंग में, हमारे सभी प्रयासों के केंद्र में इनोवेशन होता है। बीते कई वर्षों से, सैमसंग E.D.G.E. एक ऐसे मंच के रूप में उभरा है जहां छात्रों को अपने क्रिएटिव सॉल्यूशन पेश करने और कॉर्पोरेट जगत में परिवर्तन लाने के योग्य बनाया जाता है। अब जहां हम इस प्रोग्राम के आठवें संस्करण में कदम रखने जा रहे हैं, ऐसे में हमें यकीन है कि इस पहल में भाग लेने वाली उभरती प्रतिभाएं ऐसे व्यावहारिक समाधान तैयार करेंगी जो आगे चलकर हमें व्यावसायिक चुनौतियों से निपटने में मदद करेंगी।”