दस साल बाद घर वापसी: बांग्लादेश से भारत लौटा ओडिशा का लापता मानसिक रूप से कमजोर युवक

ओडिशा के अपने  गृह जिले से दस साल पहले लापता हुआ मानसिक रूप से कमजोर एक युवक आखिरकार बांग्लादेश से भारत लौट आया है। यह वापसी अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार परिषद (International Human Rights Council) के प्रयासों से संभव हो पाई है।दस साल पहले, ओडिशा के मयूरभंज जिले के जगन्नाथपुर गांव का निवासी, मानसिक रूप से कमजोर आदिवासी युवक सुदाम हेंब्रम (40) लापता हो गया था। परिवार ने हर तरह से उसकी तलाश की और स्थानीय पुलिस स्टेशन में भी शिकायत दर्ज कराई, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला।

दस साल बीत जाने के बाद, बांग्लादेश के चापाई नवाबगंज इलाके में एक स्वयंसेवी संस्था ने सुदाम को घूमते देखा। पूछताछ में पता चला कि वह भारतीय है। इसके बाद, संस्था ने पश्चिम बंगाल के हैम रेडियो (Ham Radio) से संपर्क किया। हैम रेडियो के माध्यम से यह जानकारी अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार परिषद के संगठनात्मक अध्यक्ष उत्पल रॉय तक पहुंची।उत्पल रॉय ने लापता युवक के परिवार से बात करने के बाद, सुदाम हेंब्रम के सभी दस्तावेज़ों के साथ दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों, भारतीय उच्चायोग (Indian High Commission), बांग्लादेशी उच्चायोग, और ओडिशा के मुख्य सचिव व गृह सचिव को विस्तृत जानकारी दी।

इसके बाद, बांग्लादेश उच्चायोग द्वारा सभी सत्यापन किए गए और आखिरकार रविवार को युवक को उत्तर 24 परगना में भारत-बांग्लादेश सीमा, पेट्रापोल के रास्ते बांग्लादेश से भारत वापस भेज दिया गया।अपने बेटे को वापस पाकर परिवार स्वाभाविक रूप से बहुत खुश है। सुदाम के भतीजे सुभाष चंद्र हेंब्रम ने अपने चाचा को वापस पाकर सभी संबंधित लोगों को भावभीनी आँखों से धन्यवाद दिया।

By Sonakshi Sarkar