मध्य प्रदेश के बक्सा जंगल में हीरे की खान का पता चलने के बाद इसके लिए करीब ढाई लाख पेड़ों को काटने की पहल शुरू की गयी है। कोरोना महामारी में पूरे देश में ऑक्सीजन की भारी किल्ल्त के बीच ऑक्सीजन प्रदान करने वाले इतनी संख्या में पेडों को काटने से प्राकृतिक संतुलन बिगड़ने की आशंका व्यक्त करते हुए देश भर में इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहा है। इसी कड़ी में रविवार को सिलीगुड़ी में एक सामाजिक संगठन की ओर से विरोध प्रदर्शन किया गया।लोगों ने हाथों से पौधे लेकर इस घटना के खिलाफ प्रदर्शन किया। संस्था की ओर से रंजीत गुप्ता ने कहा कि एक तरफ राज्य सरकार द्वारा वन उत्सव मनाया रही है वहीँ दूसरी तरफ हीरा के लिए मध्य प्रदेश के बाक्स साहा वन में हीरे की खान की खुदाई के लिए दो लाख से अधिक पेड़ काटे जा रहे हैं.। इस क्षेत्र में लगभग 10,000 आदिवासी लोगों का घर है.इसके अलावा यह महाराष्ट्र के पन्ना टाइगर रिजर्व से जुड़ा है। अगर इस तरह से पेड़ों को काटा जाएगा तो पर्यावरण में जैव विविधता बाधित होगी। इसलिए आज वे लोग पौधे सौंपकर इस तरह से पेड़ों को काटने का विरोध कर रहे हैं।