भारत की माननीया राष्ट्रपति द्वारा कौशल प्रशिक्षकों को “राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2025” से सम्मानित किया गया

शिक्षक दिवस के विशेष अवसर पर, भारत की माननीया राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु द्वारा स्कूलों और उच्च शिक्षा संस्थानों के शिक्षकों के साथ-साथ कौशल विकास इकोसिस्टम के 15 प्रतिष्ठित ट्रेनर्स और मास्टर ट्रेनर्स को “राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2025” से सम्मानित किया गया। यह लगातार तीसरा वर्ष है जब कौशल प्रशिक्षकों को इस प्रतिष्ठित प्लेटफॉर्म पर सम्मानित किया गया है। शिक्षा और कौशल अब राष्ट्र-निर्माण के अभिन्न स्तंभ हैं। इस समारोह का आयोजन नई दिल्ली के विज्ञान भवन में शिक्षा मंत्रालय (एमओई) के सहयोग से कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) द्वारा आयोजित किया गया था। राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार का उद्देश्य देश भर में शिक्षकों के अद्वितीय योगदान का उत्सव मनाना और उन शिक्षकों को सम्मानित करना है जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता और समर्पण से न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है, बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी समृद्ध बनाया है। यह एक ऐसा विज़न है जिसको सबसे पहले डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन द्वारा प्रस्तुत किया गया था, जिनके जन्मदिन को हम शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं।

औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई), राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (एनएसटीआई) और देश भर के अन्य कौशल प्रशिक्षण संस्थानों के पुरस्कार विजेताओं को इनोवेटिव पेडगॉजिकल प्रैक्टिसिस, इंडस्ट्री कोलैबोरेशन और समावेशी ट्रेनिंग मॉडल के माध्यम से भारत के युवाओं को फ्यूचर ऑफ वर्क हेतु तैयार करने में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया है। माननीय कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयन्त चौधरी ने कहा, “हमारे ट्रेनर्स सच्चे राष्ट्र-निर्माता हैं जो चुपचाप लेकिन प्रभावशाली ढ़ंग से भारत की विकास गाथा को आकार देते हैं। आज सम्मानित किया गया प्रत्येक पुरस्कार विजेता उत्कृष्टता का प्रतीक है, जो हमारे युवाओं को सार्थक आजीविका की दिशा में आगे बढ़ाने हेतु मार्गदर्शन और विश्व की कौशल राजधानी बनने के भारत के विज़न में अपना योगदान देता है। राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कारों में कौशल प्रशिक्षकों को शामिल करना वोकेशनल शिक्षकों के प्रति हमारे बढ़ते सम्मान और वोकेशनल ट्रेनिंग पर हमारे ध्यान को दर्शाता है। ये मान्यताएं सिर्फ पुरस्कार नहीं हैं, बल्कि व्यावसायिक शिक्षा की परिवर्तनकारी शक्ति का प्रमाण हैं।”

By Business Bureau