राफेल मामले में नई रिपोर्ट सामने आने के बाद देश में सियासी बयानबाजी तेज हो गई है

राफेल सौदे में शामिल एक बिचलिये को कथित तौर पर घूस दिए जाने संबंधी मीडिया के खुलासे के एक दिन बाद इस मसले को लेकर सियासत तेज हो गई है. फ्रेंच पोर्टल की एक रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि फ्रेंच विमान निर्माता कंपनी दसॉ ने भारत को 36 राफेल फाइटर जेट बेचने का सौदा हासिल करने के लिए मिडिलमैन (बिचौलिये) को करीब 7.5मिलियन यूरो (लगभग 650 मिलियन या 65 करोड़ रुपये ) का भुगतान किया और भारतीय एजेंसियां, दस्‍तावेज होने के बावजूद इसकी जांच करने में नाकाम रहीं. इस रिपोर्ट के आने के बाद कांग्रेस और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्‍यारोप का दौर शुरू हो गया है. जहां बीजेपी ने वर्ष 2014 से पहले, जब कांग्रेस सत्‍ता में थी, कथित भ्रष्‍टाचार को लेकर इस पार्टी पर भी निशाना साधा, वहीं कांग्रेस ने बीजेपी पर इस भ्रष्‍टाचार पर ‘लीपापोती’ करने का आरोप लगाया है. 

बीजेपी प्रवक्‍ता संबित पात्रा ने मंगलवार को कहा, ‘INC (इंडियन नेशनल कांग्रेस) का मतलब है-आई नीड कमीशन.  यहअतिशयोक्तिपूर्ण  बात नहीं है कि यूपीए के कार्यकाल के दौरान हर डील में एक ‘डील’ थी और वे इसके बाद भी डील नहीं कर सके.’ उन्‍होंने कहा, ‘राहुल गांधी को इटली से जवाब देनेा चाहिए कि आपने और आपकी पार्टी ने इतने सालों से राफेल को बारे में झूठ फैलाने की कोशिश क्‍यों की.अब यह खुलासा हो गया है कि वर्ष 2007 से 2012 तक उनकी अपनी सरकार सत्‍ता में थी जब कमीशन दिया गया. इसमें बिचौलिये का नाम भी सामने आ गया है. ‘ दूसरी ओर कांग्रेस का कहना है, ‘ऑपरेशन कवरअप के मौजूदा खुलासे से मोदी सरकार और सीबीआई-प्रवर्तननिदेशालय के बीच राफेल भ्रष्‍टाचार को  दबाने के लिए संदिग्‍ध साठगांठ का पता चलता है.’गौरतलब है कि ने कथित प्रकाशित किए हैं जो बताते हैं कि दसॉ ने कथित बिचौलिये सुशेन गुप्‍ता को गुप्‍त रूप से कमीशन का भुगतान किया. पोर्टल कहता है, ‘इन दस्‍तावेजों की मौजूदगी के बावजूद भारतीय संघीय एजेंसी ने मामले को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया और जांच शुरू नहीं की.’

मीडिया  पार्ट की रिपोर्ट के अनुसार, ‘सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के पास अक्‍टूबर 2018 से सबूत हैं कि दसॉ ने राफेल जेट के बिक्री सौदे को हासिल करने के लिए सुशेन गुप्‍ता को घूस दी.रिपोर्ट में कहा गया है, सबूत गोपनीय दस्‍तावेजो में मौजूद हैं जो दोनों एजेंसियों की ओर से एक अन्‍य भ्रष्‍टाचार मामले-अगस्‍तावेस्‍टलैंड की ओर से वीवीआईपी हेलीकॉप्‍टर्स की सप्लाई का घोटाला- की जांच में सामने आए हैं . ‘राफेल पेपर्स’ पर मीडियापार्ट की तफ्तीश के कारण फ्रांस को जुलाई माह में  भ्रष्‍टाचार के आरोपों की न्‍यायिक जांच शुरू करनी पड़ी. रिपोर्ट के अनुसार,’सुशेन गुप्‍ता पर मॉरीशस में रजिस्‍टर्ड एक ‘शैल कंपनी’  के जरिये अगस्‍तावेस्‍टलैंड से रिश्‍वत लेने का आरोप है. मॉरीशस प्रशासन, जांच के लिए इस कंपनी से  संबंधित दस्‍तावेज सीबीआई और ईडी को भेजने पर सहमत हो गया था.यह दस्‍तावेज सीबीआई के पास 11 अक्‍टूबर, 2018 को, राफेल डील में कथित भ्रष्‍टाचार की आधिकारिक तौर पर शिकायत मिलने के ठीक एक सप्‍ताह बाद भेजे गए थे. मीडियापार्ट के अनुसार, ‘इसके बाद भी सीबीआई ने जांच शुरू नहीं करने का निर्णय लिया.’

By Editor

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