तमिलनाडु में पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान रविवार को चलाया जाएगा। राज्य के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सरकारी अस्पतालों, आंगनवाड़ी, दोपहर भोजन केंद्रों, स्कूलों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर 43,051 बूथ बनाए गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग की एक विज्ञप्ति के अनुसार, 43.76 लाख बच्चों को फेस मास्क पहनने, सामाजिक दूरी बनाए रखने और हाथों को साफ करने जैसे कोविड -19 मानदंडों का पालन करते हुए टीकाकरण की विस्तृत व्यवस्था की गई है। बूथ के अंदर बच्चों, माता-पिता या अधिकारियों को कोविड के लक्षणों की अनुमति नहीं होगी, जो सुबह 7 से शाम 5 बजे तक चलेगा। बूथों पर भीड़भाड़ से बचना चाहिए। प्रत्येक लाभार्थी के साथ केवल एक देखभालकर्ता ही जा सकता है, “रिलीज पढ़ा।
0-5 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को यूनिसेफ, डब्ल्यूएचओ और रोटरी इंटरनेशनल द्वारा समर्थित अभियान के तहत पोलियो की दवा पिलाई जाएगी। उन बच्चों की पहचान करने के लिए जो बूंदों से चूक जाते हैं, प्राप्तकर्ताओं की बाईं छोटी उंगलियां अधिकारियों द्वारा चिह्नित की जाएंगी। सभी नवजात शिशुओं को बूंदे पिलाई जानी चाहिए। तो क्या हाल ही में नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत बच्चों का टीकाकरण किया जाना चाहिए।
निजी बाल रोग विशेषज्ञ और अस्पताल भी पोलियो की दवा पिलाएंगे।
इस अभियान में स्वास्थ्य एवं शिक्षा विभाग के साथ-साथ समेकित बाल विकास योजना के लगभग दो लाख कर्मियों व स्वयंसेवकों को लगाया जाएगा। अभियान के लिए 3,000 सरकारी वाहनों को तैनात किया जाना है। यात्रा करने वाले बच्चों को कवर करने के लिए प्रमुख बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, टोल प्लाजा, चेक पोस्ट और हवाई अड्डों पर बूथ स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा दूरस्थ, दुर्गम और प्रवासी क्षेत्रों में पोलियो की दवा पिलाने के लिए मोबाइल टीमें भेजी जाएंगी।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि टीकाकरण अभियान की बदौलत राज्य पिछले 18 वर्षों से पोलियो मुक्त है।