पुलिस को फर्जी – किराये के बैंक खाता से हुई हेराफेरी के तार साइबर ठगी से जुड़ने की आशंका

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हेराफेरी मामले का दूसरा संदिग्ध मोहम्मद सइदुल इस्लाम

दो सप्ताह बाद भी पुलिस की गिरफ्त में नहीं

सिलीगुड़ी:- फर्जी और किराये के बैंक खाता मामले के तार साइबर ठगी से जुड़ते पुलिस को नजर आ रहे हैं। इन बैंक खातों से हुआ लेनदेन की रकम इसी ओर इशारा कर रही है। हांलाकि पुलिस ने घुसपैठ, सरकारी योजनाओं का लाभ आत्मसात करने और रुपया हेराफेरी की दिशा को टटोलना बंद नहीं किया है। वहीं इस मामले का दूसरा संदिग्ध मोहम्मद सइदुल इस्लाम दो सप्ताह बाद भी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया है। उसकी तलाश में पुलिस आस-पड़ोस के राज्यों में भी खाक छान रही है।ज्ञात हो कि बीते 28 मई की सुबह फांसीदेवा थाना पुलिस समेत दार्जिलिंग जिला पुलिस के आला अधिकारियों ने फांसीदेवा के चटहाट बाजार निवासी अनिल गोप और मोहम्मद सइदुल इस्लाम के घरों में छापा मारा। दोनों के घरों से हजारों की संख्या में बैंक खाता, एटीएम, चेकबुक, आधार, वोटर कार्ड जब्त किया। मौजूद अनिल गोप को तो पुलिस ने गिरफ्तार किया, लेकिन सइदुल पुलिस की आंख में धूल झोंककर फरार हो गया। आरोपित अनिल गोप को अदालत में पेश कर रिमांड में लिया, पूछताछ की गई। वहीं सइदुल की तलाश करते-करते फांसीदेवा थाना पुलिस बीते सात जून को चटहाट बाजार स्थित उसके मोबाइल की दुकान में छापा मारा। और वहां से भी फर्जी व किराए वाली कई सरकारी और निजी बैंकों का खाता, एटीएम. चेकबुक और क्यूआर कोड जब्त किया। जांच कर रही पुलिस अधिकारियों की माने तो इन फर्जी और किराए के बैंक खातों से बांग्लादेशियों का घुसपैठ, सरकारी योजनाओं का रुपया गबन और रुपयों की हेराफेरी किए जाने की संभावना है। इसके साथ ही साइबर ठगी का रुपया इन्हीं बैंक खातों के जरिए प्राप्त करने की आशंका पुलिस को है। पुलिस ने इस दिशा में भी जांच शुरु की है। पुलिस का मानना है कि आरोपित अनिल गोप और सइदुल साइबर ठग गिरोह को बैंक खाते उपलब्ध कराया करता था और इसके लिए ठगी की रकम का एक हिस्सा इन्हें मुहैया कराया जाता था। इस दिशा में जांच के लिए फांसीदेवा थाना पुलिस दार्जिलिंग जिला पुलिस, सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट समेत आस-पड़ोस के जिला पुलिस और राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्ट में दर्ज ठगी के मामलों से जब्त किए बैंक खातों का मिलान करने में जुटी है।