पीएम मोदी ने आज अपने संबोधन में देश में कोरोना की स्थिति और कोविड वैक्सीन समेत कई मुद्दों का जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा, ‘बीते 100 वर्षों में आई यह सबसे बड़ी महामारी है, त्रासदी है. इस तरह की महामारी आधुनिक विश्व ने न देखी थी, न अनुभव की थी. इतनी बड़ी वैश्विक महामारी से हमारा देश कई मोर्चों पर एक साथ लड़ा है. इस लड़ाई में वैक्सीन हमारे लिए सुरक्षा कवच की तरह है. आज विश्व में वैक्सीन की जितनी मांग है, उसकी तुलना में वैक्सीन बनाने वाले देश और कंपनियां गिनी-चुनी हैं. आज भारत में वैक्सीन न बनी होती तो क्या होता.’
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘पहले भारत को विदेशों से वैक्सीन मिलने में दशकों लग जाते थे. पोलियो की वैक्सीन हो, चेचक की वैक्सीन हो, हेपेटाइटिस बी की वैक्सीन हो, इनके लिए देशवासियों ने दशकों तक इंतजार किया था. 2014 में वैक्सीनेशन का कवरेज सिर्फ 60 फीसदी के करीब था. इस तरह से अगर कोरोना का टीकाकरण होता तो सभी देशवासियों को टीका लगाने में 40 साल लग जाते. 5-6 साल में यह 60 से बढ़कर 90 प्रतिशत हो गया. कोरोना की समस्या से निपटने के लिए हमने मिशन इंद्रधनुष शुरू किया.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) आज (सोमवार) देश को संबोधित कर रहे हैं. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में देश में कोरोना की स्थिति और कोविड वैक्सीन समेत कई मुद्दों का जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा, ‘बीते 100 वर्षों में आई यह सबसे बड़ी महामारी है, त्रासदी है. इस तरह की महामारी आधुनिक विश्व ने न देखी थी, न अनुभव की थी. इतनी बड़ी वैश्विक महामारी से हमारा देश कई मोर्चों पर एक साथ लड़ा है. इस लड़ाई में वैक्सीन हमारे लिए सुरक्षा कवच की तरह है. आज विश्व में वैक्सीन की जितनी मांग है, उसकी तुलना में वैक्सीन बनाने वाले देश और कंपनियां गिनी-चुनी हैं. आज भारत में वैक्सीन न बनी होती तो क्या होता.’
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘पहले भारत को विदेशों से वैक्सीन मिलने में दशकों लग जाते थे. पोलियो की वैक्सीन हो, चेचक की वैक्सीन हो, हेपेटाइटिस बी की वैक्सीन हो, इनके लिए देशवासियों ने दशकों तक इंतजार किया था. 2014 में वैक्सीनेशन का कवरेज सिर्फ 60 फीसदी के करीब था. इस तरह से अगर कोरोना का टीकाकरण होता तो सभी देशवासियों को टीका लगाने में 40 साल लग जाते. 5-6 साल में यह 60 से बढ़कर 90 प्रतिशत हो गया. कोरोना की समस्या से निपटने के लिए हमने मिशन इंद्रधनुष शुरू किया.’
पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘हम विकास की दिशा में आगे बढ़ ही रहे थे कि देश को कोरोना महामारी ने घेर लिया. भारत ने एक साल के भीतर ही एक नहीं बल्कि दो मेड इन इंडिया वैक्सीन लॉन्च कर दी. देश के वैज्ञानिकों ने दिखा दिया कि भारत बड़े-बड़े देशों से पीछे नहीं है. देश में 23 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है. हमारे प्रयासों में हमें सफलता तब मिलती है, जब हमें स्वयं पर विश्वास होता है. हमें विश्वास था कि हमारे वैज्ञानिक बहुत ही कम समय में वैक्सीन बनाने में सफलता हासिल कर लेंगे.’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘वैक्सीन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए दूसरे देशों की कंपनियों से वैक्सीन खरीदने की प्रक्रिया को तेज किया गया है. हमारे एक्सपर्ट्स द्वारा बच्चों को कोरोना होने की चिंता जताई गई है. इस दिशा में दो वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है. नेजल वैक्सीन पर भी काम चल रहा है. अगर इस दिशा में सफलता मिलती है तो यह बहुत बड़ी उपलब्धि होगी. सोचिए कोरोना की दूसरी लहर से पहले अगर हमारे हेल्थ-फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन न लगी होती तो क्या होता. इसी वजह से वे लोग ज्यादा से ज्यादा लोगों की जिंदगी बचा पाए.’