पीसीओएस जागरूकता माह: पीसीओएस को प्राकृतिक रूप से नियंत्रित रखने के टिप्स

पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल सितंबर को पीसीओएस जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है। भारत में बड़ी संख्या में महिलाएं इस समस्या से जूझ रही हैं। पीसीओएस के लक्षणों में अनियमित माहवारी, पुरुष हॉर्मोन का बढ़ना, ओवरी में सिस्ट, वजन बढ़ना, एक्ने, शरीर पर ज्यादा बाल आना और प्रजनन समस्याएं शामिल हैं। इन लक्षणों को प्राकृतिक तरीके से नियंत्रित करने के लिए जानी-मानी आहार विशेषज्ञ और वेलनेस कंसल्टेंट, शीला कृष्णास्वामी संतुलित और स्वच्छ आहार लेने की सलाह देती हैं। वे कहती हैं कि बादाम, हरी पत्तेदार सब्जियां, दालें और साबुत अनाज जैसे प्राकृतिक खाद्य पदार्थ खाना जरूरी है, क्योंकि इससे शरीर को सही पोषण मिलता है और समग्र सेहत में सुधार होता है। संतुलित आहार को प्राथमिकता दें: पीसीओएस को नियंत्रित रखने के लिए संतुलित आहार लेना बेहद जरूरी है, जिसमें फल, हरी पत्तेदार सब्जियां, साबुत अनाज, दालें, फलियां और बादाम जैसे नट्स शामिल हों। बादाम खासतौर पर हेल्दी फैट्स, प्रोटीन और फाइबर के लिए जाना जाता है, जो पेट भरा हुआ महसूस कराता है और वजन नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके अलावा, बादाम में मैग्नीशियम होता है, जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में सहायक है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर-एनआईएन) की डाइटरी गाइडलाइन में भी बादाम जैसे पौष्टिक नट्स को रोजाना खाने की सलाह दी गई है, क्योंकि ये अच्छी सेहत के लिए फायदेमंद हैं।

कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों का चयन करें: पीसीओएस को नियंत्रित करने के लिए दालें, साबुत अनाज, सीड्स और बादाम जैसे नट्स, जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, काफी फायदेमंद होते हैं। इनसे ब्लड शुगर के स्तर पर नियंत्रण रहता है और इंसुलिन के फास्टिंग स्तर को कम करने में मदद मिलती है। रोजाना मुट्ठीभर बादाम खाने से न केवल ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है, बल्कि वजन भी सही बना रहता है और एलडीएल कोलेस्ट्रॉल (बैड कोलेस्ट्रॉल) भी कम हो जाता है। इससे पीसीओएस के लक्षणों में सुधार और समग्र सेहत बेहतर हो सकती है। नियमित शारीरिक गतिविधि: पीसीओएस को नियंत्रित करने के लिए रोज़ाना एक्सरसाइज करना बेहद जरूरी है। ब्रिस्क वॉकिंग, स्विमिंग, कोई खेल खेलना या योग करने से वजन को नियंत्रित रखने और इंसुलिन की संवेदनशीलता बढ़ाने में मदद मिलती है। ये दोनों चीजें पीसीओएस के लक्षणों को बेहतर तरीके से नियंत्रित करने में सहायक होती हैं।

पानी पीते रहें: सेहत बनाए रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना जरूरी है। सही मात्रा में पानी पीने से शरीर की कई प्रक्रियाएं, जैसे मेटाबॉलिज्म और पाचन, बेहतर होती हैं। हर दिन 6 से 8 गिलास पानी पीने से पीसीओएस से जुड़े लक्षण, जैसे पेट फूलना और थकान, कम हो सकते हैं। तनाव का नियंत्रण: पीसीओएस को काबू में रखने के लिए तनाव कम करना बेहद जरूरी है, क्योंकि ज्यादा तनाव लक्षणों को बढ़ा सकता है। ध्यान, डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज या माइंडफुलनेस प्रैक्टिस जैसी तकनीकें अपनाने से तनाव कम होता है और सेहत में सुधार होता है। अपने पीसीओएस को नियंत्रित रखने के लिए डॉक्टर (एंडोक्राइनोलॉजिस्ट या गाइनेकोलॉजिस्ट) से सही सलाह लें। साथ ही, एक अनुभवी आहार विशेषज्ञ आपकी डाइट को सही रखने में मदद कर सकता है।

By Business Bureau