नेपाल सहित बिहार में लगातार हो रही बारिश से नदियां उफनाने लगी है। पश्चिम चंपारण जिले के बगहा के करीब 60 लोग गंडक में अचानक पानी बढ़ जाने के कारण पूरी रात दियारा में फंसे रहे। सभी शनिवार सुबह वहां काम करने गए थे। लोगों ने किसी तरह रात गुजारी। रविवार को सूचना पर पहुंची एसडीआरएफ की टीम ने 40 लोगों का सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया। शेष 20 मजदूर सुरक्षित जगह पर हैं। सोमवार को उन्हें वापस लाया जाएगा। एसडीएम अनुपमा सिंह ने बताया कि रेस्क्यू लोगों में अधिकतर महिला मजदूर हैं। वहीं गंडक बराज में लगभग चार लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इससे बगहा सहित, पिपरासी,मधुबनी, भितहां व ठकराहां प्रखंड के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। मधुबनी प्रखंड में पिपरा पिपरासी तटबंध के 17.1 रेगललही के सामने ठोकर के उत्तर साइड में गया।
पश्चिम चंपारण में ओरिया, करताहा, सद्भावका, धूतहा, माजर नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है। सिकटा नदी के पानी के दबाव से सिकटा गांव व सिका नदी के बीच पानी ओवरफ्लो होकर त्रिवेणी नहर के उत्तरी तटबंध को करीब 20 फीट ध्वस्त कर दिया है। जबकि लाइन पर्सा व ओरिया नदी के बीच ग ‘त्रिवेणी नहर का उत्तरी तटबंध भी टूट गया है।
इससे लाइन पर्सा, सिकटा एक गांव व धर्मपुर का सरेह जलमग्न हो हेल गया है। धर्मपुर के सामने सिकटा श पंचायत भवन के समीप भी त्रिवेणी स नहर का उत्तरी तटबंध टूट रहा था, स लेकिन ग्रामीणों ने उसे तुरंत बांध गं कराया गया कटाव निरोधात्मक कार्य आठ से 10 मीटर लंबाई एवं आधा मीटर गहराई में शनिवार की रात धंस गया। हालांकि रात में ही उन जगहों पर कैरेज का कार्य शुरू कर दिया दिया।