राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) की सब्सिडरी एनएसडीसी इंटरनेशनल (एनएसडीसीआई) ने एक प्रसिद्ध ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालय, डीकिन यूनिवर्सिटी के साथ साझेदारी करते हुए ग्लोबल जॉब रेडीनेस प्रोग्राम (जीजेआरपी) शुरू करने की घोषणा की है। जीजेआरपी प्रोजेक्ट को स्किल इंडिया डिजिटल हब (सिद्ध) प्लेटफॉर्म पर लॉन्च किया गया है जोकि युवाओं को फ्यूचर ऑफ़ वर्क के लिए तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह प्रोग्राम उद्योग-प्रासंगिक कौशल में देश के टैलेन्ट पूल की क्षमताओं को बढ़ाने की परिकल्पना करता है। इससे ग्लोबल जॉब मार्केट और अंतर्राष्ट्रीय उद्योगों की मांगों को पूरा किया जा सकता है। स्किल इंडिया डिजिटल हब प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होने से, लर्नर के पास अब आवश्यक कौशल और ज्ञान प्राप्त करने के लिए एक यूज़र फ्रेन्डली और आसानी से सुलभ मार्ग है। यह डिजिटल एक्सेसिबिलिटी भौगोलिक विभाजन को पाटने, उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा की पहुंच को सब तक सुलभ बनाने और रोजगार के अवसरों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसके अलावा, भारतीय छात्रों को इसके व्यापक फीचर्स, फीज़बिल इंटरफ़ेस, कॉम्प्रिहैन्सिव सर्च, पर्सनलाइज़्ड रिकमन्डेशन्स, ऑनलाइन असेसमेन्ट्स और जॉब मैचिंग की पेशकश से अत्यधिक लाभ मिलेगा। इससे लर्निंग एक्सपीरिएन्स आकर्षक होगी और 21वीं सदी में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक कौशल हासिल करने की प्रभावशीलता अधिकतम होगी।लॉन्च पर बोलते हुए, श्री वेद मणि तिवारी, (सीईओ-एनएसडीसी और एमडी-एनएसडीसी इंटरनेशनल) ने कहा, “आज के इवॉल्विंग लैन्डस्केप में, टेक्नोलॉजिकल एडवांसमेन्ट, ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स का उदय उद्योगों और जॉब रोल्स को नया आकार दे रहा है।
पारंपरिक कैरियर के रास्ते अधिक फ्लेक्सिबिलिटी का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं, प्रोजेक्ट-बेस्ड वर्क, उद्यमिता और अप्रेन्टिसशिप भी तेजी से प्रचलित हो रहे हैं। एनएसडीसी में, हम भारतीय टैलेन्ट और ग्लोबल इम्प्लॉयर्स के बीच गैप को पाटने के लिए प्रतिबद्ध हैं और स्किल इंडिया डिजिटल हब पर प्रोग्राम का इंटीग्रेशन महत्वाकांक्षी छात्रों के लिए समग्र कौशल विकास की हमारी खोज में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस प्लेटफॉर्म का लाभ उठाकर, मुझे विश्वास है कि लर्नर उच्च गुणवत्ता वाले स्किल ट्रेनिंग मॉड्यूल तक पहुंच प्राप्त करेंगे, अपने प्रोफेशनल नेटवर्क का विस्तार करेंगे और सर्टिफिकेशन बढ़ाएंगे, जिससे वे अंतरराष्ट्रीय सेटिंग्स में सफल होने के लिए बेहतर ढंग से सुसज्जित होंगे।”जीजेआरपी को प्रोफिशिएन्सी के दो स्तरों जैसे कि फाउंडेशन और इंटरमीडिएट पर पेश किया जाएगा, जोकि प्री-प्रोग्राम मूल्यांकन प्रक्रिया के आधार पर निर्धारित किया जाएगा। प्रोग्राम के तहत, प्रोग्राम में नामांकित भारतीय युवा लाइव ट्रेनिंग सेशन से गुजरेंगे और वीडियो, फ्लिप कार्ड, डाइग्राम और अन्य विज़ुअल्स की एक रेन्ज का उपयोग करके विविध कौशल पर क्षमताओं का निर्माण करेंगे। इसे ऑनलाइन डिलीवर किया जाएगा जो कम्युनिकेशन्स, कोलैबरेशन, प्रॉबल्म सॉल्विंग, इनोवेशन, डिजिटल लिटरेसी और फाइनेन्शियल लिटरेसी जैसे छह महत्वपूर्ण क्षेत्रों में युवा प्रतिभाओं को प्रशिक्षण देगा।
प्रोग्राम के पूरा होने पर, छात्रों को पोस्ट-प्रोग्राम असेसमेन्ट से गुजरना होगा और बाद में, एक डिजिटल बैज और सर्टिफिकेशन से सम्मानित किया जाएगा जो उन्हें उभरते रोजगार परिदृश्य में सहजता से नेविगेट करने में मदद करेगा। प्रोग्राम, प्री और पोस्ट असेसमेन्ट पर परफ़ॉर्मेन्स स्केल रिपोर्ट भी पेश करेगा जो छात्रों को उनके परफ़ॉर्मेन्स पर एक व्यू प्रदान करेगा। प्रोग्राम पूरी तरह से ऑनलाइन डिलीवर किया जाएगा, जिससे उम्मीदवारों को यह चुनने में पूरा कंट्रोल और फ्लेक्सिबिलिटी मिलेगी कि प्रोग्राम कब और कहां शुरू करना है। इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए डीकिन यूनिवर्सिटी की वाइस प्रेसिडेंट (ग्लोबल एलायंस) और सीईओ (साउथ एशिया) सुश्री रवनीत पावहा ने कहा, ”ग्लोबल जॉब रेडीनेस प्रोग्राम के लिए एनएसडीसी इंटरनेशनल के साथ डीकिन का सहयोग अब लाइव है और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह रणनीतिक पहल भारत के महत्वाकांक्षी, युवा प्रोफेशनल की क्षमता को बढ़ाएगी। डीकिन की वैश्विक विशेषज्ञता को एनएसडीसी की कौशल विकास की प्रतिबद्धता के साथ जोड़कर, यह प्रोग्राम कौशल का एक यूनिक सेट प्रदान करेगा जो उद्योग और इसकी मांगों को पूरा करने के लिए कौशल के बीच गैप को पाट देगा। यह साझेदारी एक ऐसे भविष्य के द्वार खोलती है जहाँ भारत का कार्यबल विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनकर खड़ा होगा और इसकी प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान देगा।”