एनएसडीसी इंटरनेशनल ने कार्यबल की क्षमता बढ़ाने के लिए जर्मनी के साथ वैश्विक कौशल साझेदारी को बढ़ावा दिया

एनएसडीसी इंटरनेशनल के प्रतिनिधियों ने जर्मनी का दौरा किया और विभिन्न हितधारकों के साथ सामरिक एवं सीमापार कौशल साझेदारियों पर विचार-विमर्श किया, ताकि विश्वस्तरीय कार्यबल को उद्योग जगत की बदलती ज़रूरतों के अनुसार प्रासंगिक एवं भविष्य के अनुकूल क्षमताओं के साथ सशक्त बनाया जा सके।   प्रतिनिधियों ने हैम्बर्ग, जर्मनी में आयोजित प्रतिष्ठित ओएवी सम्मेलन में भी हिस्सा लिया, जहां भारत, श्रीलंका, भूटान, मलेशिया, इंडोनेशिया सहित विभिन्न देशों से 100 प्रतिनिधि एक मंच पर इकट्ठा हुए। इन प्रतिनिधियों ने कार्यबल को भविष्य के लिए तैयार एवं विश्वस्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय साझेदारियों की भूमिका पर विचार प्रस्तुत किए।  राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) की पूर्ण स्वामित्व की सब्सिडरी एनएसडीसी इंटरनेशनल ने तेज़ी से विकसित होते उद्योगों और दुनिया भर के जॉब मार्केट्स की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए नए दौर के कौशल को बढ़ावा देने के महत्व पर ज़ोर दिया। 

उच्च स्तरीय पैनल चर्चा के दौरान एनएसडीसी ने उद्योग जगत की ज़रूरतों तथा एशिया के शिक्षा प्रदाताओं के बीच मौजूद अंतर को दूर करने पर रोशनी डाली। इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय कार्यबल के विकास में विशेष रूप से जर्मनी की लीडरशिप पर ज़ोर दिया गया। साथ ही तेज़ी से विकसित होते उद्योग जगत में युवाओं को भविष्य के अनुसार सशक्त बनाने के लिए सामरिक एवं सीमा-पार कौशल साझेदारियों की आवश्यकता पर रोशनी डाली गई।  एनएसडीसी इंटरनेशनल के सीईओ श्री आलोक कुमार ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा, ‘‘हम विश्वस्तरीय कार्यबल की बढ़ती मांग को पूरा करने की दिशा में कार्यरत हैं, इसी के मद्देनज़र एनएसडीसी इंटरनेशनल कौशल की खामियों को दूर करने और युवाओं को रोज़गार में सक्षम बनाने के लिए साझेदारियों को बढ़ावा दे रहा है। जर्मन उद्योगों के साथ साझेदारियां हमारी इसी प्रतिबद्धता की पुष्टि करती हैं, जिसके द्वारा हम कार्यबल की कमी को दूर कर भारतीय युवाओं को विश्वस्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सक्षम बनाना चाहते हैं। उद्योग जगत की ज़रूरतों के अनुसार प्रशिक्षण प्रदान कर हम सुनिश्चित करते हैं कि हमारे युवा विश्वस्तरीय जॉब मार्केट के अनुसार अपने आप को आसानी से ढाल सकें। इसी दृष्टिकोण के साथ हमारी यह साझेदारी आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाकर स्थायी विकास को बढ़ावा देगी तथा दूरदर्शी साबित होगी।’’ 

एनएसडीसी इंटरनेशनल भारतीय उम्मीदवारों को इंटरनेशनल करियर के लिए तैयार कर ग्लोबल मोबिलिटी में सक्षम बनाता है। इसके लिए हम युवाओं को जर्मन एवं अन्य विदेशी भाषाओं में व्यापक प्रशिक्षण, डोमेन-विशिष्ट कौशल एवं सांस्कृतिक ओरिएंटेशन प्रदान करते हैं। ये प्रोग्राम इस तरह से डिज़ाइन किए गए हैं कि उम्मीदवार न सिर्फ पेशेवर बल्कि सामाजिक रूप से भी सक्षम बनें, वे आत्मविश्वास के साथ दूसरे देश के माहौल में अपने आप को ढाल सकें।  विज़िट के दौरान एनएसडीसी इंटरनेशनल के प्रतिनिधियों ने दो राउण्डटेबल सम्मेलनों में भी हिस्सा लिया। आईमुव द्वारा आयोजित पहले सम्मेलन के दौरान जर्मन भाषा एवं सांस्कृतिक प्रशिक्षण प्रदाताओं के साथ प्रभावशाली चर्चाएं हुईं। जहां आपसी सहयोग एवं ऐसी सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं पर रोशनी डाली गई जो विश्वस्तर पर भारतीय युवाओं की रोज़गार क्षमता बढ़ाकर देश की कौशल प्रणाली को सशक्त बना सकती हैं। वहीं दूसरे राउण्डटेबल में एनएसडीसी इंटरनेशनल ने जर्मन एम्प्लॉयर्स के साथ कौशल की खामियों, हायरिंग की उम्मीदों, उद्योग जगत की ज़रूरतों एवं इंटीग्रेशन योजनाओं पर विचार-विमर्श किया। इन चर्चाओं ने भारत की कौशल एवं प्रशिक्षण प्रणाली को जर्मनी और अन्य जॉब मार्केट्स की ज़रूरतों के अनुकूल बनाने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।  

By Business Bureau