राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी), आईआईटी मंडी और नोर्थकैप युनिवर्सिटी (एनसीयू) गुरूग्राम ने सेमीकंडक्टर डिज़ाइन एण्ड टेक्नोलॉजी प्रोग्राम में बी.टेक कोर्स लॉन्च करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। आज नई दिल्ली के कौशल भवन में इस समझौता ज्ञापन पर औपचारिक हस्ताक्षर किए गए। इस साझेदारी का उद्देश्य छात्रों को उद्योग जगत के अनुसार ज्ञान एवं व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान कर देश-विदेश में सेमीकंडक्टर उद्योग में कुशल पेशेवरों की बढ़ती मांग को पूरा करना है। इस चार वर्षीय प्रोग्राम में आठ सेमेस्टर होंगे, जो छात्रों को सेमीकंडक्टर इंजीनियरिंग से जुड़े विभिन्न विषयों जैसे नैनोटेक्नोलॉजी, सेमीकंडक्टर मटीरियल इंजीनियरिंग, सेमीकंडक्टर फिज़िक्स, माइक्रोफैब्रिकेशन, सेमीकंडक्टर इक्विपमेन्ट डिज़ाइन एण्ड टेक्नोलॉजी तथा मैनुफैक्चरिंग के आधुनिक विषयों में प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। प्रोग्राम के तहत ऐप्लीकेशन-उन्मुख लर्निंग में 25 क्रेडिट्स शामिल होंगे, जिन्हें एनसीयू, एनएसडीसी और आईआईटी मंडी द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किया गया है। डिग्री एनसीयू द्वारा दी जाएगी।
इससे सेमीकंडक्टर में भारतीय युवाओं का कौशल बढ़ाने में मदद मिलेगी और निश्चित रूप से इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा। प्रोग्राम के मुख्य पार्टनर के रूप में एनएसडीसी गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण उपलब्ध कराकर प्रोग्राम के सुगम संचालन को सुनिश्चित करेगा। यह अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म के ज़रिए छात्रों का नामांकन करने और योग्य उम्मीदवारों को लोन उपलब्ध कराने में मदद करेगा। एनएसडीसी लर्निंग के लिए वन-स्टॉप प्लेटफॉर्म की भूमिका निभाएगा, जहां सभी लेक्चर्स, असाइनमेन्ट, एआई-इनेबल्ड वीडियो एवं लर्निंग के अन्य संसाधन उपलब्ध होंगे। इसके अलावा एनएसडीसी छात्रों को इंटर्नशिप एवं प्लेसमेन्ट में भी सहयोग प्रदान करेगा। यह प्रोग्राम आधुनिक सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी पर फोकस करते हुए छात्रों को अकादमिक एवं व्यवहारिक अनुभव प्रदान करेगा। इस साझेदारी एवं प्रोग्राम के बारे में बात करते हुए श्री वेद मणि तिवारी, सीईओ, एनएसडीसी और एमडी एनएसडीसी इंटरनेशनल ने कहा, ‘‘एनएसडीसी में हम शिक्षा एवं कौशल प्रणाली को एनईपी 2020 के अनुरूप बनाना चाहते हैं। ताकि खासतौर पर छोटे नगरों एवं शहरों के छात्र लर्निंग के विश्वस्तरीय अवसरों का लाभ उठा सकें। आईआईटी मंडी एवं नोर्थकैप युनिवर्सिटी के साथ साझेदारी उच्च शिक्षा में उद्योग जगत के अनुकूल कौशल को शामिल करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। विश्वस्तर पर विख्यात कौशल पाठ्यक्रमों को नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क के ज़रिए डिग्री प्रोग्रामों में शामिल कर हम अकादमिक एवं उद्योग जगत के बीच के अंतर को दूर करना चाहते हैं और अपने युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करना चाहते हैं। इस पहल से न सिर्फ युवाओं की रोज़गार क्षमता बढ़ेगी बल्कि वे सेमीकंडक्टर उद्योग में इनोवेशन के साथ उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकेंगे, जो भारत के तकनीकी विकास के लिए मुख्य सेक्टर है।’
आईआईटी मंडी की फैकल्टी छात्रों के लिए विशेष कोर्स लेकर आएगी। चार सालों के दौरान छात्रों को संस्थान की आधुनिक लैबोरेटरीज़ में छह व्यवहारिक इमर्ज़न प्रोग्रामों में हिस्सा लेने का अवसर भी मिलेगा। संस्थान परीक्षाओं, असाइनमेन्ट, कोर्सवर्क आदि के ज़रिए छात्रों का मूल्यांकन करेगा और उन्हें क्रेडिट सर्टिफिकेशन भी देगा। इन क्रेडिट्स का उपयोग एनसीयू द्वारा डिग्री देने के लिए किया जाएगा। इस अवसर पर बात करते हुए डॉ तुषार जैन, हैड, सीसीई, आईआईटी मंडी ने कहा, ‘‘यह साझेदारी युवाओं को सेमीकंडक्टर डोमेन में भविष्य के लिए तैयार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। अनुसंधान में आईआईटी मंडी की विशेषज्ञता, एनसीयू की अकादमिक सुविधाओं और एनएसडीसी के कौशल विकास के प्रयासों को एक साथ मिलाकर हम छात्रों के लिए लर्निंग का बदलावकारी अनुभव ला रहे हैं।’