राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) और WRI इंडिया ने हरित कौशल अंतर को मापने, पुनर्कौशल और अपस्किलिंग कार्यक्रमों को लागू करने और भारत में हरित कौशल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए साझेदारी की है। इस संबंध में भारत को हरित-कुशल राष्ट्र में बदलने के उद्देश्य से नई दिल्ली में एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता विनिर्माण, सेवा और कृषि क्षेत्रों में हरित कौशल को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य सूक्ष्म लघु मध्यम उद्यमों (MSME) सहित व्यक्तियों और व्यवसायों को हरित नौकरियों के लिए बाजार-प्रासंगिक कौशल से लैस करके सतत विकास को बढ़ावा देना भी है।
यह पहल हरित उद्योगों में अधिक लोगों को करियर बनाने में मदद करने के लिए कौशल प्रशिक्षण को अनुसंधान के साथ जोड़ती है। इस अवसर पर बोलते हुए, NSDC के CEO और NSDC इंटरनेशनल के MD श्री वेद मणि तिवारी ने कहा, “भारत का हरित अर्थव्यवस्था में परिवर्तन अपने कार्यबल को भविष्य के लिए तैयार कौशल के साथ सशक्त बनाने का एक उल्लेखनीय अवसर प्रस्तुत करता है।”
डब्ल्यूआरआई इंडिया के सीईओ माधव पई ने जोर देकर कहा, “एनएसडीसी के साथ हमारा सहयोग शोध-संचालित अंतर्दृष्टि को व्यावहारिक रणनीतियों और अभिनव कौशल मॉडल के साथ एकीकृत करके हरित कौशल अंतर को पाटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।” एनएसडीसी और डब्ल्यूआरआई इंडिया व्यक्तियों को हरित नौकरियों और स्वरोजगार के लिए कौशल प्रदान करने के लिए उद्योग-संरेखित पाठ्यक्रम तैयार करेंगे।