स्किल इंडिया मिशन के स्ट्रेटेजिक इम्पलीमेन्टेशन और नॉलेज पार्टनर, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) और भारतीय प्रबंधन संस्थान रांची (आईआईएम-आर) ने संबंधित भौगोलिक क्षेत्रों में सतत सामाजिक-आर्थिक विकास और आदिवासी समुदायों में सकारात्मक परिवर्तन को बढ़ावा देने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करते हुए, कौशल-आधारित हस्तक्षेपों के माध्यम से जनजाति क्षेत्रों के लिए आजीविका के अवसर शुरू करने और जमीनी स्तर पर उनके समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए आपस में सहयोग किया है।
यह अनूठा इंटर्नशिप प्रोग्राम आईआईएम रांची के 80 इन्टर्न को सामाजिक परियोजनाओं के बारे में प्रासंगिक अनुभव प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो उन्हें एक मल्टीस्किल डेवलपमेन्ट सेन्टर सिंगी दाई वन विज्ञान केंद्र की योजना और स्ट्रेटेजिक इम्प्लीमेन्टेशन प्रयासों का एक अभिन्न अंग बनाता है। प्रोग्राम का फोकस स्थानीय संसाधनों और संस्कृति के अनुरूप औषधीय पौधों, हॉट्रीकल्चर और एरोमैटेकि एसेन्शियल ऑयल क्षेत्रों जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर है। पहल के एक भाग के रूप में, आईआईएम रांची के इंटीग्रेटेड प्रोग्राम इन मैनेजमेंट (आईपीएम) के दूसरे वर्ष के छात्रों ने विकास भारती, बिशुनपुर, झारखंड में अपना पांच दिन का विज़िट पूरा किया, जिसमें ग्रामीण विकास पहलों पर गहन जानकारी प्रदान की गई और स्थिरता को बढ़ावा देने, स्थानीय लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए नवीन समाधानों पर विचार किया गया।
जनजाति समुदायों को सशक्त बनाने में 40 वर्षों का अनुभव रखने वाला एक सिविल सोसाइटी ऑर्गनाइज़ेशन, विकास भारती बिशुनपुर, इस परियोजना में इम्प्लीमेन्टेशन पार्टनर है। इस अवसर पर पद्मश्री अशोक भगत जी भी उपस्थित थे, जिन्होंने इस इनोवेटिव अप्रोच के बारे में जानकारी देकर दर्शकों को संबोधित किया। उन्होंने उल्लेख किया कि यह अवसर छात्रों के लिए आंखें खोलने वाला था और उन्हें अपने समुदाय के साथ तालमेल बिठाने और आजीविका के लिए समाधान खोजने में सक्षम बनाया गया।उनकी अत्याधुनिक अप्रोच, आउट ऑफ़ द बॉक्स थिंकिंग उनके द्वारा लाए गए समाधानों में दिखाई देती है। एक इन्टीग्रेटेड अप्रोच के माध्यम से, एनएसडीसी और कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय जमीनी स्तर के ऑर्गनाइजेशन को आईआईएम और इन्डस्ट्री एक्सपर्ट्स के साथ काम करने में मदद कर रहे हैं।