नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी ने कोलकाता में इनफर्टिलिटी कार्यशाला का आयोजन किया

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भारत की सबसे बड़ी फर्टिलिटी चेन्‍स में से एक, नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी ने द बंगाल ऑब्‍स्‍टेट्रिक एण्‍ड गायनेकोलॉजिकल सोसायटी (बीओजीएस), कोलकाता के साथ मिलकर एक इनफर्टिलिटी वर्कशॉप का आयोजन किया। इस कॉन्‍फ्रेंस में अलग-अलग समस्‍याओं पर चर्चा हुई, जैसे कि पीसीओएस, एंडोमेट्रयोसिस, प्रजनन स्‍वास्‍थ्‍य और पुरूषों से संबंधित परेशानियां। इसके अलावा  असिस्‍टेड रीप्रोडक्टिव टेक्निक्‍स (एआरटी) के बारे में भी लोगों को समझाया गया। यह आयोजन 21 दिसंबर, 2023 को आईटीसी सोनार, कोलकाता में हुआ था।  नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी, कोलकाता के फर्टिलिटी विशेषज्ञों ने पाया है कि कम से कम 30% महिलाएं पीसीओएस, जबकि 35% महिलाएं एंडोमेट्रियोसिस के कारण होने वाली इनफर्टिलिटी के चलते उनके पास आ रही हैं। नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी, उत्‍तम कुमार साराणी, कोलकाता में फर्टिलिटी कंसल्‍टेन्‍ट डॉ. सुपर्णा भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘एंडोमेट्रियोसिस एक चिकित्‍सकीय स्थिति है, जिसमें यूटेरस की लाइनिंग उसके बाहर बढ़ने लगती है।  इस बीमारी के कुछ मरीजों में विशेष लक्षण नजर आते हैं, जैसे कि पीरियड्स के दौरान पेट में दर्द, अनियमित अथवा ज्‍यादा महावारी और संभोग के समय दर्द बगैरह। जबकि कुछ मरीजों में कोई भी लक्षण नहीं पाया जाता है, एंडोमेट्रियोसिस पर अक्‍सर ध्‍यान नहीं जाता है। महिलाओं को इसका पता तभी चलता है, जब उन्‍हें प्रजनन से जुड़ी समस्‍याएं उत्‍पन्‍न होती हैं। एंडोमेट्रियोसिस की प्रभावी जाँच ट्रांसवेजाइनल अल्‍ट्रासाउंड से हो सकती है।’’ 

पीसीओएस और एंडोमेट्रियोसिस के साथ पैरेंटहूड की प्‍लानिंग पर बात करते हुए, कंकुरगाची, कोलकाता में प्रैक्टिस कर रहे,नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी के मेडिकल डायरेक्‍टर डॉ. रोहित‍ गुटगुटिया  ने कहा, ‘‘पॉलीसीस्टिक ओवरी सिन्‍ड्रोम (पीसीओएस) सहज रूप से एक आनुवांशिक स्थिति हो सकती है। लेकिन जीवनशैली के घटक, जैसे कि मोटापा और आलस वाली जीवनशैली से भी यह बीमारी हो सकती है। पीसीओएस पर काबू न पाने से डायबिटीज, मोटापा और मनोवैज्ञानिक समस्‍याएं, जैसे कि एंग्‍जाइटी हो सकती है। पीसीओएस से इनफर्टिलिटी की समस्‍या होती है और साथ में पीसीओएस को अगर मैनेज नहीं किया जाता है तो यह इन दूसरी स्थितियों के साथ मिलकर संभावित रूप से गर्भधारण को बाधित कर सकता है। सेहतमंद जीवनशैली को अपनाने से पीसीओएस की मरीजों पर सकारात्‍मक असर हो सकता है।

लो ग्‍लाइसेमिक फूड्स वाली डाइट लेना, सक्रिय जीवनशैली अपनाना, योग और ध्‍यान से तनाव को नियंत्रित करना पीसीओएस और इससे जुड़ी स्थितियों को काबू में करने के उपाय हैं।’’एंडोमेट्रियोसिस से अक्‍सर इनफर्टिलिटी की समस्‍याएं हो सकती हैं। इसलिये पैरेंटहूड की प्‍लानिंग बेहद महत्‍वपूर्ण हो जाती है। डॉ. रोहित  आगे कहते हैं, ‘’एंडोमेट्रियोसिस के कारण एग काउंट में गिरावट के चलते बड़े पैमाने पर इनफर्टिलिटी हो सकती है। इसलिये ज्‍यादातर विशेषज्ञ जल्‍दी से गर्भधारण की सलाह देते हैं। अगर आपको एंडोमेट्रियोसिस है और आप बाद में बच्‍चा पैदा करना चाहती हैं, चाहे आप अविवाहित हों, हम आपको एग्‍स फ्रीज करने की सलाह देंगे। एंडोमेट्रियोसिस से क्रॉनिक पेल्विक पेन हो सकता है, जिसके लिये ज्‍यादातर मरीजों की सर्जरी होती है। अगर आपने गर्भधारण नहीं किया है, तो हम एंडोमेट्रियोसिस के लिये फर्टिलिटी विशेषज्ञ के साथ मिलकर सर्जरी की सलाह देंगे, ताकि आपका एग रिजर्व प्रभावित न हो।‘’