न्यू इंडिया फाउंडेशन (एनआईएफ) ने एनआईएफ ट्रांसलेशन फेलोशिप 2024-25 के राउंड 2 के विजेताओं की घोषणा की है। सभी 10 भारतीय भाषाओं (असमी, बांग्ला, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, मराठी, मलयालम, ओडिया, तमिल, उर्दू) के महत्वपूर्ण नॉन-फिक्शन काम को अंग्रेजी में ट्रांसलेशन को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य के साथ, एनआईएफ ट्रांसलेशन फेलोशिप देश के विविध साहित्यिक परंपराओं में ज्ञान ग्रंथों के समृद्ध इतिहास को प्रदर्शित करती है।
प्रत्येक विजेता को 6 महीने तक 6 लाख रुपए का स्टाइपेंड दिया जाएगा, ट्रांसलेशन फेलोशिप में 1850 के बाद प्रकाशित भारतीय भाषाओं के ग्रंथों का अंग्रेजी में अनुवाद किया जाएगा। विजेताओं को संपादकीय और वित्तीय सहायता प्रदान करने के साथ ही एनआईएफ के ट्रस्टी और प्रतिष्ठित द्विभाषी विद्वान और लेखकों वाली भाषा विशेषज्ञ समिति के साथ काम करने का अवसर भी मिलेगा। एनआईएफ का उद्देश्य अनुवादित पुस्तकों के माध्यम से समकालीन भारत के इतिहास के बारे में ज्ञान का समर्थन करने के अपने मिशन को आगे बढ़ाना है। पिछले दो दशकों के दौरान एनआईएफ बुक फेलोशिप कार्यक्रम में 33 किताबों का प्रकाशन किया जा चुका है। एनआईएफ बुक और एनआईएफ ट्रांसलेशन फेलोशिप हर साल अल्टरनेट रूप से आयोजित की जाती है, इसके लिए हर साल अगस्त और दिसंबर के बीच आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं।
एनआईएफ ट्रांसलेशन फेलोशिप के राउंड 2 पर बोलते हुए, श्रीनाथ राघवन, चेयरपर्सन, एनआईएफ फेलोशिप ने कहा, “ट्रांसलेशन फेलोशिप के पीछे का आइडिया भारतीय भाषाओं में भारत के बारे में लिखे गए नॉन-फिक्शन प्रमुख ग्रंथों का अंग्रेजी में अनुवाद करना, और इन महत्वपूर्ण ग्रंथों को अधिक व्यापक पाठकों तक पहुंचाना है। ट्रांसलेशन फेलोशिप के इस राउंड में, हमें आकर्षक ग्रंथों की एक श्रृंखला का अनुवाद करने के लिए आवेदन मिले थे, जो विविध बौद्धिक संसाधनों की गवाही देते हैं, जो देश में उपलब्ध हैं और जिन्हें व्यापक प्रचालन में आना अभी बाकी है।”