केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह एनएचएआई के वर्क कल्चर पर नाराजगी जताते हुए अफसरों को जमकर फटकार लगा रहे हैं। वीडियो सोमवार का है जब दिल्ली के द्वारका में एनएचएआई (National Highways Authority of India) की नई बिल्डिंग का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन कर रहे थे। अपनी स्पीच में केंद्रीय मंत्री ने बिल्डिंग निर्माण में देरी पर न सिर्फ नाराजगी जताई बल्कि यह भी कहा कि एनएचएआई में सुधार की जरूरत है। उन ‘नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स’ को बाहर का रास्ता दिखाने की जरूरत है जो चीजों को उलझाते हैं और अड़चने पैदा कर प्रोजेक्ट्स में देरी करते हैं। गडकरी ने कहा कि दो-ढाई सौ करोड़ का काम 9 सालों में पूरा होने पर उन्हें शर्म आती है।
उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ‘इसके लिए दो सरकारें और आठ चेयरमैन लगे. वर्तमान चेयरमैन और मेंबर का इससे संबंध नहीं है, लेकिन जिन महान हस्तियों ने 2011 से 2020 तक इस पर काम किया है. अगर संभव हो तो उनके फोटो इस ऑफिस में जरूर लगा देना कि इन्होंने नौ साल तक फैसले लेने में देरी की.’ उन्होंने कहा कि दिल्ली और मुंबई के एक्सप्रेसवे पर गौरव के साथ कहा जाता है कि इन्हें दो तीन साल पूरा करेंगे. ये प्रोजेक्ट 80 हजार से एक लाख करोड़ का है, जबकि NHAI की बिल्डिंग के 250 करोड़ का प्रोजेक्ट पूरा करने में इतने साल लगा दिए गए.
गडकरी ने कहा कि ‘NHAI के अकर्मण्य, निकम्मे और भ्र्ष्ट लोग इतने पॉवरफुल हैं कि मिनिस्ट्री में कहने के बाद भी वे अपने निर्णय गलत करते हैं. ऐसे ‘अक्षम’ अधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाने का समय है.’
उन्होंने कहा कि ऐसे लोग परियोजनाओं में देरी कर रहे हैं और अड़चनें पैदा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि संस्थान में अक्षम अधिकारी हर मामले को समिति के पास भेज देते हैं, ऐसे अधिकारियों को ‘निलंबित’ और बर्खास्त किया जाना चाहिए और कामकाज में सुधार लाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि यहां ऐसे NPA हैं, जो केंचुएं की तरह भी काम नहीं कर सकते हैं. यहां उन्हें रखा जाता है और प्रमोशन दिया जाता है.
गडकरी ने कहा, ‘इस तरह की विरासत को आगे बढ़ाने वाले अधिकारियों के रवैये पर मुझे शर्म आती है. ये अधिकारी फैसले लेने में देरी करते हैं और जटिलताएं पैदा करते हैं. ये मुख्य महाप्रबंधक (सीजीएम), महाप्रबंधक (जीएम) स्तर के अधिकारी हैं जो बरसों से यहां जमे हैं.’
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि इस तरह की देरी पर एक शोध पत्र तैयार होना चाहिए. इसमें देरी के लिए जिम्मेदार सीजीएम और जीएम की तस्वीरें होनी चाहिए. गडकरी ने कहा कि ऐसे लोगों का नाम और तस्वीरें सार्वजनिक करने के लिए समारोह होना चाहिए, जैसा कि मंत्रालय अच्छा काम करने वाले अधिकारियों के लिए करता है.