मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के जंक्शन पर स्थित ट्यूमर के लिए किशनगंज के एक 30 वर्षीय पुरुष का सिलीगुड़ी के डॉ. मलय अस्पताल में ऑपरेशन किया गया। ये दुर्लभ ट्यूमर (हाई सर्वाइकल इंट्राड्यूरल एक्स्ट्रामेडुलरी ट्यूमर) हैं और पास में मौजूद कई जटिल संरचनाओं के कारण इसे संचालित करना बहुत चुनौतीपूर्ण है।एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्वोत्तर भारत के प्रमुख न्यूरोसर्जन डॉ मलय चक्रवर्ती ने इसकी जानकारी दी, उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया गया और ट्यूमर को बाहर निकाला जा सका। सर्जरी के बाद मरीज की हालत बहुत अच्छी है और कुछ दिनों में उसे छुट्टी दे दी जाएगी। उन्होने कहा की विश्वसनीय चिकित्सा सुविधाओं और न्यूनतम उपचार लागत के लिए बिहार, असम, बांग्लादेश, नेपाल और अनेको राज्य के अन्य हिस्सों से लोग आते हैं।
न्यूरो रोबोटिक माइक्रोस्कोप की वजह से यह सर्जरी सौ फीसदी सुरक्षित हुआ है। उन्नत न्यूरोलॉजिकल उपचार के लिए लोगों को अब सिलीगुड़ी से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं है।उन्होने बताया की भले ही शहर में ऐसे केंद्र हैं जिनमें न्यूरोसर्जरी की उन्नत सुविधाएं हैं। इन राज्यों के मरीजों को विशेष रूप से उत्तर बंगाल में न्यूरोलॉजिकल सर्जरी के इलाज के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। फिर भी, अधिकांश रोगी इसमें शामिल लागतों को वहन नहीं कर सकते हैं। वही, कई नर्सिंग होम केवल ‘सुरक्षित’ मामलों का इलाज करते हैं। इस प्रकार अधिकांश मरीज गुणवत्तापूर्ण न्यूरोलॉजिकल उपचार से रहित हो जाते है। डॉ मलय हॉस्पिटल एंड न्यूरोसाइंसेस सेंटर, सिलीगुड़ी ने इस स्थिति में बदलाव लाने की योजना बनाई है।
उन्होंने बताया कि हमारे यहां पर काफी कम किफायती दामों एवं मरीज की स्थिति को देखकर उसका इलाज किया जाता है बस इसकी जानकारी हमें होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे यहां पर काफी जटिल से जटिल बीमारियों का इलाज किया जाता है बस इसकी जानकारी मरीजों को होनी चाहिए।डॉ मलय हॉस्पिटल एंड न्यूरोसाइंसेस सेंटर प्रमुख सेवाएं उपलब्ध मिलेगी।