60% एमएसएमई कारोबार डिजिटलीकृत होंगे गुवाहाटी, 28 जून (एजेंसियां) सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई)

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भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, जो देश के जीडीपी में तकरीबन 30 फीसदी योगदान देते हैं। कई अध्ययनों के अनुसार एमएसएमई 2027 तक जीडीपी में 35-40 फीसदी योगदान देंगे। ऐसे में ज़रूरी है कि एमएमएसई अपनी विकास की क्षमता का पूर्ण उपयोग करने के लिए डिजिटल रूपान्तरण को अपनाएं ताकि वे 2047 तक विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे सकें।

डिजिटल रूपान्तरण की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार कई नीतियां एवं पहलें लेकर आई है जैसे मेक इन इंडिया, आत्मनिर्भर भारत, उद्यम पोर्टल, उद्यमी मित्रा आदि जो एमएसएमई सेक्टर की उत्पादकता बढ़ाने, इनके संचालन को सुगम बनाने और समग्र प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने में कारगर हो रही हैं। भारत सरकार के विकास एजेंडा के साझेदार के रूप में जाने-माने दूरसंचार सेवा प्रदाता वी की एंटरप्राइज़ शाखा वी बिज़नेस ने विश्व एमएसएमई दिवस के अवसर पर राष्ट्रव्यापी अध्ययन ‘वी बिज़नेस रैडी फॉर नेक्स्ट एमएसएमई ग्रोथ इनसाईट स्टडी (वॉल्युम 2.0 2024) के परिणाम जारी किए हैं।

अध्ययन पर बात करते हुए अरविंद नेवटिया, चीफ एंटरप्राइज़ बिज़नेस ऑफिसर, वोडाफोन आइडिया ने कहा, “वी बिज़नेस में हम भारत के विकास में एमएसएमई की भूमिका और अर्थव्यवस्था में उनके योगदान को समझते हैं।