कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के तत्वावधान में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) और राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीईटी) ने सेक्टर स्किल काउंसिल (एससीसी) के माध्यम से सार्वजनिक-निजी भागीदारी को मजबूत करके भारतीय युवाओं के लिए व्यावसायिक शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण को आकांक्षी बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धिता दिखाई है। एमएसडीई ने कौशल स्किल ईकोसिस्टम को अधिक चुस्त बनाने और उनकी भूमिकाओं को रीइमेजिन और रीडिज़ाइन करके उन्हें अधिक प्रभावी और प्रभावशाली बनाने के लिए उद्योग की जरूरतों पर प्रतिक्रिया देने में एसएससी की महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा करने के लिए एक वर्कशॉप आयोजित की। वर्कशॉप में उद्योग की जरूरतों को पूरा करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न जॉब रोल के लिए उद्योग संचालित कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों की आवश्यकता पर चर्चा हुई।
यह वर्कशॉप श्री अतुल कुमार तिवारी, सचिव, एमएसडीई; डॉ. एन एस कलसी, चेयरमैन, एनसीवीईटी;डॉ. केके द्विवेदी, अतिरिक्त सचिव, एमएसडीई;सुश्री त्रिशालजीत सेठी, डीजी, डीजीटी; सुश्री सोनल मिश्रा, संयुक्त सचिव, एमएसडीई; डॉ. नीना पाहुजा, एग़्ज़ीक्यूटिव मेम्बर, एनसीवीईटी; श्री नीलांबुज शरण, सीनियर इकोनोमिक एडवाइज़र, एमएसडीई और श्री वेद मणि तिवारी, ऑफिशिएटिंग सीईओ, एनएसडीसी और एमडी, एनएसडीसी इंटरनेशनल की उपस्थिति में आयोजित की गई। इस कार्यक्रम में सभी 36 एसएससी, उनके सीईओ/प्रतिनिधि और कुछ एसएससी के चेयरपर्सन एक साथ आए। इसने युवाओं को अंतरराष्ट्रीय बाजारों के लिए प्रतिस्पर्धी बढ़त और चपलता से लैस करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप कौशल और योग्यताओं की मैपिंग पर ध्यान केंद्रित किया।
इसमें विदेशी बाजारों में उच्च-कुशल कर्मियों की मांग को पूरा करने के लिए लॉन्गटर्म प्रशिक्षण कार्यक्रम डिजाइन करने पर जागरूकता और काउंसलिंग सेशन को प्राथमिकता देने की भी परिकल्पना की गई। एआई, मशीन लर्निंग, ब्लॉकचेन और अन्य से लेकर विभिन्न क्षेत्रों में नए युग के कोर्सों और कौशल कार्यक्रमों में उद्योग की भागीदारी के साथ अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे की स्थापना ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण, वास्तविक दुनिया के वर्क-सिनेरियो को एकीकृत करने और उद्योग विशेषज्ञ के मार्गदर्शन की सुविधा प्रदान करेगी जो विदेशी गतिशीलता को बढ़ावा देने और बेहतर प्लेसमेंट में सहायक है।