कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) ने भारत में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए “चिंतनशिविर” का आयोजन किया। यह आयोजन तीन विषयगत क्षेत्रों पर केंद्रित था: देश के उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना, उद्यमों के लिए वित्तीय, विपणन, डिजिटल लिंकेज और अनुपालन को बढ़ावा देना, और क्षमता निर्माण, सलाह और हैंडहोल्डिंग।पहला सत्र एक अभिसरण उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने, महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने और एक सक्षम नीति वातावरण बनाने पर केंद्रित था।
दूसरा सत्र उद्यमों के लिए वित्त, विपणन और डिजिटल लिंकेज तक पहुंच में सुधार, बाजार पहुंच के अवसरों की खोज और अनुपालन प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने पर केंद्रित था। तीसरा सत्र प्रभावी प्रशिक्षण कार्यक्रमों, उद्यमिता शिक्षा के मानकीकरण, संस्थागत नेटवर्क, सलाह और उभरती प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए क्षमता निर्माण, सलाह और मार्गदर्शन पर केंद्रित था।कार्यशाला में भारत में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख निष्कर्षों और प्रस्तावित कार्रवाई योग्य रणनीतियों पर प्रकाश डाला गया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य सरकारों, संगठनों, संस्थानों, वित्तीय संस्थानों और उद्यमियों सहित विभिन्न हितधारकों के साथ सहयोग करना है। कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, “उद्यमिता अब नए भारत में युवा भारतीयों के लिए एक अवसर है, अब कोई अपवाद नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति के पास अद्वितीय क्षमताएं और प्रतिभाएं होती हैं।” ऐसे अनुरूप उद्यमिता कार्यक्रमों के डिज़ाइन की आवश्यकता है जो उनकी विविध क्षमता का उपयोग करें।”