कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के माननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), श्री जयंत चौधरी ने आज मंत्रालय की चल रही सभी योजनाओं और इसके विभिन्न विभागों की व्यापक समीक्षा की। उन्होंने एमएसडीई के विभिन्न विभागों के संचालन, उनकी उपलब्धियों और उनके सामने आने वाली चुनौतियों को गहराई से समझने के लिए इस सत्र में भाग लिया। इस सत्र के द्वारा कौशल विकास के प्रति मंत्रालय के रणनीतिक दृष्टिकोण और भविष्य के रोडमैप को आगे बढ़ाने में बहुमूल्य विचार मिले। श्री जयंत चौधरी ने सबसे पहले मंत्रालय के कर्मचारियों के साथ कार्यालय कैंटीन में भोजन किया और उनके साथ खुलकर बातचीत की। उन्होंने मंत्रालय की कैंटीन का प्रबंधन करने वाले कर्मचारियों से भी मुलाकात की और उनके आतिथ्य के लिए उनका आभार व्यक्त किया।
बाद में, माननीय मंत्री ने एमएसडीई की योजनाओं और पहलों की प्रगति और प्रभाव का आकलन करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों और हितधारकों के साथ बातचीत की और स्किल ईकोसिस्टम के लिए आधारशिला बनाने में मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कौशल की मांग के निर्माण के महत्व को पहचाना और स्किल गैप को पाटने और इनोवेशन और रोजगार के लिए अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देने में इन कार्यक्रमों के महत्व पर जोर दिया। मंत्री ने तत्काल ध्यान और सुधार की आवश्यकता वाले क्षेत्रों की पहचान करने के लिए इन योजनाओं पर नवीनतम डेटा और फीडबैक की भी समीक्षा की। प्रयासों की सराहना करते हुए, माननीय मंत्री श्री चौधरी ने स्पष्ट तरीके से एक साझा लक्ष्य की दिशा में काम करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने आर्थिक विकास और आत्मनिर्भरता को आगे बढ़ाने में उद्यमशीलता की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। इसके साथ ही विभिन्न डेमोग्राफिक के बीच उद्यमशीलता के कौशल को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय की पहलों पर प्रकाश डाला। माननीय मंत्री ने ऑन्तरप्रेन्योरशिप डेवलपमेन्ट प्रोग्राम (ईडीपी) वाले सेन्टर्स विशेष रूप से पूर्व सैनिकों और सेवानिवृत्त रक्षा कर्मियों के लिए संचालित सेन्टर्स का दौरा करने में गहरी रुचि दिखाई तथा उद्यमशीलता ईकोसिस्टम में महत्वपूर्ण योगदान देने की उनकी क्षमता को पहचाना। उन्होंने उद्यमशीलता और कौशल विकास को बढ़ावा देने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाते हुए, आगे बढ़कर नेतृत्व करने का इरादा व्यक्त किया।
इसके अतिरिक्त, माननीय मंत्री ने मंत्रालय के भीतर संसाधनों के प्रभावी उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए सावधानीपूर्वक बजट प्लानिंग और व्यय प्रबंधन के महत्व पर जोर दिया। समीक्षा के दौरान, उनका ध्यान मंत्रालय की 100-दिवसीय योजना की ओर भी आकर्षित किया गया, जो औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को मजबूत करने, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के तहत लक्षित दृष्टिकोण अपनाने, इंडियन इन्स्टीट्यूट ऑफ़ स्किल्स (आईआईएस) और स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेन्टर्स को चालू करने और जन शिक्षण संस्थानों की पहुंच का विस्तार करने पर केंद्रित है। माननीय मंत्री ने मंत्रालय की योजनाओं और प्रयासों को अपना व्यक्तिगत और भरपूर समर्थन दिया, साथ ही उनकी सफलता के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई। श्री जयंत चौधरी ने देश भर में युवाओं को गुणवत्तापूर्ण कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने की बात दोहराई, जिसमें हाशिए पर पड़े समुदायों, पिछड़े क्षेत्रों और न्यू-एज मार्केट के प्रासंगिक कौशल पर विशेष ध्यान देने की बात थी। माननीय मंत्री ने अप्रेन्टिसशिप और वोकेशनल प्रशिक्षण कार्यक्रमों के दायरे और प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए उद्योग भागीदारों के साथ सहयोग बढ़ाने का भी आह्वान किया। देश भर में कौशल विकास पहलों के सफल कार्यान्वयन और विस्तार को सुनिश्चित करने के लिए एकीकृत प्रयास की आवश्यकता पर विस्तार से बताते हुए, श्री जयंत चौधरी ने कहा कि हमें स्किल ईकोसिस्टम में स्केल और स्पीड लाने के लिए अन्य मंत्रालयों और राज्यों के साथ नज़दीकी सहयोग और एक साथ मिलने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। अपने संबोधन का समापन करते हुए श्री चौधरी ने भारत के कौशल विकास के प्रति आशा व्यक्त की तथा आवश्यक कौशल और सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय की प्रतिबद्धता की पुष्टि की, जिससे कौशल विकास भारत के वैश्विक आर्थिक लक्ष्यों का केंद्र बन जाएगा।