एमएसडीई ने ‘भविष्य में सहयोग के रास्ते पर भारत-जर्मनी संवाद’ की मेजबानी की

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कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) ने भारत दौरे पर आए जर्मनी के प्रतिनिधिमंडल के साथ एक वार्ता की मेजबानी की, जिसका नेतृत्व जर्मन फेडरल मिनिस्ट्री ऑफ़ लेबर एंड सोशल अफेयर्स (बीएमएएस) की स्टेट सेक्रेटरी लियोनी गेबर्स ने किया। वार्ता का उद्देश्य कौशल विकास के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग को और बढ़ाना और भारत से जर्मनी तक कुशल कार्यबल की गतिशीलता के लिए मार्ग प्रशस्त करना था। एमएसडीई के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी के नेतृत्व में भारतीय डेलिगेशन में सुश्री त्रिशलजीत सेठी, अतिरिक्त सचिव, महानिदेशक, प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी), एमएसडीई की संयुक्त सचिव सुश्री सोनल मिश्रा, एनएसडीसी के ऑफिशिएटिंग सीईओ श्री वेद मणि तिवारी और एनसीवीईटी की कार्यकारी सदस्य सुश्री विनीता अग्रवाल सहित अन्य अधिकारी शामिल थे। राज्य सचिव के साथ सुश्री विक्टोरिया होल्म, राज्य सचिव लियोनी गेबर्स की निजी सहायक, बीएमएएस, सुश्री गुनिला फिनके, महानिदेशक, स्किल, वोकेशनल ट्रेनिंग और ए स्किल्ड लेबर फोर्स, बीएमएएस, सुश्री कैटरीन हॉलैंडर, हैड ऑफ यूनिट, लॉ ऑन एम्प्लॉयमेन्ट ऑफ फॉरेन वर्कर्स, बीएमएएस, सुश्री वैनेसा मार्गरेट एलिज़ाबेथ आहूजा, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर ऑफ बेनिफिट्स एंड इंटरनेशनल अफेयर्स, फेडरल एम्प्लॉयमेंट एजेंसी (बीए), श्री स्टीफ़न सॉटुंग, मैनेजिंग डारेक्टर इंटरनेशनल अफेयर, बीए, और श्री स्टीफ़न बरानियाक, हेड ऑफ ऑफिस ऑफ एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर ऑफ बेनिफिट्स एंड इंटरनेशनल अफेयर शामिल थे।

यह संवाद जर्मनी में कार्यबल की कमी को दूर करने के लिए भारत के कुशल कार्यबल का उपयोग करने पर केंद्रित था। इसने पिछले साल जून में जर्मन बुंडेस्टाग द्वारा अपनाए गए नए इमीग्रेशन लॉ पर वैल्युएबल इनसाइट्स के लिए भी रास्ता बनाया और जिसे इस साल लागू करने की योजना है। यह नया इमीग्रेशन लॉ – एक योग्यताओं द्वारा तय किया गया रास्ता, दूसरा अनुभव से तय किया गया रास्ता और तीसरा वर्कफोर्स की क्षमता से तय किया गया रास्ता सहित तीन स्पष्ट पाथवे बताता है। पाथवे क्रमशः ईयू ब्लू कार्ड, एक्सपीरियंस कार्ड और अपॉर्चुनिटी कार्ड के माध्यम से औपचारिक रूप से तैयार किए गए हैं।

नए इमीग्रेशन लॉ के निर्माण में बीएमएएस के प्रयासों की सराहना करते हुए, भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने ऐसे सुझाव दिए जो उच्च रोजगार या अप्रेन्टिसशिप क्षमता वाले क्षेत्रों की मैपिंग, योग्यता की पारस्परिक मान्यता के माध्यम से जर्मनी में कुशल भारतीय कार्यबल की गतिशीलता के तंत्र को और बढ़ाएंगे। यह एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का निर्माण या प्रवासन और गतिशीलता साझेदारी समझौते (एमएमपीए) के लिए एक कार्यान्वयन ढांचा,एक स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर की स्थापना जो विशेष रूप से जर्मनी के लिए कार्यबल की आवश्यकता, नए युग की नौकरी भूमिकाओं में महिलाओं के लिए सहयोगी परियोजनाओं और उद्यमियों के लिए परामर्श समर्थन पर ध्यान केंद्रित करेगी।

इस अवसर पर बोलते हुए, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के सचिव, श्री अतुल कुमार तिवारी ने कहा, “भारत-जर्मनी साझेदारी, जो आपसी सम्मान और मजबूत सांस्कृतिक संबंधों द्वारा चिह्नित है, नवीकरणीय ऊर्जा से लेकर शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण तक के क्षेत्रों में समृद्ध सहयोग के साथ एक वाइब्रेंट स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप में विकसित हुई है। हम सक्रिय रूप से ग्लोबल मोबिलिटी के लिए भारतीय उम्मीदवारों को तैयार कर रहे हैं और जर्मनी हमारे लिए फोकस का देश है। मुझे विश्वास है कि जर्मन डेलिगेशन के साथ यह बातचीत नए मार्ग प्रशस्त करेगी और हमारी साझेदारी को और अधिक मजबूत करेगी।” दोनों देश इंडो-जर्मन ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप मीटिंग के माध्यम से मिलकर काम कर रहे हैं और आज की बातचीत भविष्य की प्रतिबद्धताओं के लिए एक मजबूत आधार और कार्य बिंदु तैयार करती है, जिससे सार्थक परिणाम सामने आएंगे।