कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय ने यूनिसेफ-युवा के साथ साझेदारी की

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कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई), भारत सरकार और यूनिसेफ-युवा ने भारत सरकार-यूनिसेफ कंट्री प्रोग्राम डॉक्यूमेंट 2023-2027 के स्वीकृत दायरे में भारत में युवाओं के बीच कौशल और रोजगार की चुनौतियों का समाधान करने के लिए भागीदारी की है।यह साझेदारी दोनों संगठनों – एमएसडीई और यूनिसेफ-युवा की ताकत का लाभ उठाएगी ताकि सामान्य लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके और 21वीं सदी की स्किलिंग, अप्रेंटिसशिप, और उद्यमशीलता के अवसर, कैरियर मार्गदर्शन और नौकरी चाहने वाले युवाओं को सहायता प्रदान की जा सके। युवा, विश्व स्तर पर जनरेशन अनलिमिटेड के रूप में जाना जाने वाला यूनिसेफ द्वारा एक मल्टी- स्टेकहोल्डर्स प्लेटफॉर्म है, जिसका उद्देश्य युवाओं को शिक्षा और लर्निंग से लेकर प्रोडक्टिव वर्क और एक्टिव सिटीजनशिप में ट्रांजिशन के लिए तैयार करना है।

युवा 2019 में लॉन्च होने के बाद से भारत में युवाओं और भागीदारों के साथ काम कर रहा है, क्योंकि वे एडल्टहुड में ट्रांजिशन करने और आर्थिक एवं सामाजिक प्रभाव के अवसरों को देखने के लिए सहयोग की निरंतरता प्रदान करने पर ध्यान केन्द्रित करते हैं। साझेदारी को आधिकारिक तौर पर एमएसडीई के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी और भारत में यूनिसेफ की प्रतिनिधि सिंथिया मैककैफ्री द्वारा लॉन्च किया गया था। सहयोग के शुभारंभ पर बोलते हुए, एमएसडीई के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी ने कहा, “भारत एक युवा राष्ट्र है, जिसकी 62% से अधिक जनसंख्या वर्किंग-एज ग्रुप में है और लगभग 54% 25 वर्ष से कम आयु की है।

डिसरप्टिव टेक्नोलॉजी के युग में, यह आवश्यक है कि हम अपने युवाओं को लाईफ स्किल्स, वित्तीय कौशल, डिजिटल कौशल और उद्यमशीलता कौशल सहित सही शिक्षा और 21वीं सदी का व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करें ताकि वे जटिल चुनौतियों को हल करने में सक्षम हों। यूनिसेफ के साथ यह साझेदारी युवा लोगों के लिए प्रोडक्टिव जीवन और आकांक्षात्मक आर्थिक अवसरों के लिए प्रासंगिक कौशल हासिल करने के लिए फ्यूचर ऑफ वर्क के अनुरूप पाथवे बनाएगी। आगे बढ़ते हुए, एमएसडीई और यूनिसेफ पैमाने और पहुंच को अधिकतम करने के लिए टेक्नोलॉजी प्लेटफार्मों पर आधारित इनोवेटिव सॉल्यूशन के माध्यम से देश में अप्रेंटिसशिप इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”