कोलकाता प्रेस क्लब के साथ 50 सालों से जुड़ी रही हैं सुब्रत मुखर्जी की यादें

पश्चिम बंगाल के पंचायत मंत्री और वरिष्ठ तृणमूल नेता सुब्रत मुखर्जी का दीपावली की रात कोलकाता के राजकीय एसएसकेएम अस्पताल में निधन हुआ है। देश के सबसे पुराने क्लबों में शामिल कोलकाता प्रेस क्लब के साथ उनकी कई सारी यादें पिछले पांच दशक से जुड़ी हुई हैं।मुखर्जी का कलकत्ता प्रेस क्लब और कई पत्रकारों के साथ एक लंबा और करीबी रिश्ता था।  अलग-अलग समय पर वह इस क्लब के विभिन्न आयोजनों में आए हैं।  पांच दशक पहले 23 मार्च 1972 को तत्कालीन मुख्यमंत्री सिद्धार्थ शंकर रॉय क्लब में आए थे। उनके साथ उनके‌ दो करीबी मंत्री सुब्रत मुखर्जी और फजल हक भी थे।

 दिवंगत केंद्रीय मंत्री तपन सिकदर और ममता बनर्जी 15 अगस्त 2001 को क्लब में आए थे।  उस दिन तीन वरिष्ठ पत्रकारों को सम्मानित किया गया था।  सुब्रत मुखर्जी ने नगर पालिका में लंबे समय से पत्रकारिता करने वाले ललित भर को सम्मानित किया था।  उनके साथ तत्कालीन लोकप्रिय मेयर राजीव देव भी थे।

 22 जुलाई 2003 को क्लब के जीर्णोद्धार के बाद सुब्रत मुखर्जी और माला रॉय आए थे।  उस दिन तीन एथलीट चुन्नी गोस्वामी, सुब्रत भट्टाचार्य और पीके बनर्जी को मुखर्जी और रॉय ने सम्मानित किया था।  बुद्धदेव भट्टाचार्य और सुब्रत मुखर्जी उसी साल नौ सितंबर को शरदोत्सव में आए थे।  कैरम खेल में हिस्सा भी लिया था। बुद्धदेव भट्टाचार्य, तपन सिकदर के साथ कलकत्ता नगर के तत्कालीन मेयर सुब्रत मुखर्जी और अन्य 26 जुलाई, 2003 को  क्लब के हॉल के स्थापना दिवस के अवसर पर उपस्थित थे।

 11 जनवरी 2005 को क्लब की स्वर्ण जयंती के उद्घाटन के अवसर पर सुब्रत मुखर्जी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ कोलकाता के मेयर के रूप में मंच पर थे। उसी साल सुब्रत मुखर्जी 13 जून को भी आए थे।  सुब्रत मुखर्जी और सिद्दीकुल्लाह चौधरी 30 जून 2016 को इफ्तार के लिए क्लब में मौजूद थे। 30 जून 2017 को एक बंगाली अखबार की 200वीं वर्षगांठ के अवसर पर रवींद्र सदन में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आए थे और विशिष्ट अतिथियों के साथ सुब्रत मुखर्जी भी मंच पर मौजूद थे। इसके अलावा सुब्रत मुखर्जी ने अलग-अलग समय पर प्रेस क्लब के लिए सहयोग का हाथ बढ़ाया था। उनके जाने से क्लब ने एक बहुत करीबी रिश्तेदार खो दिया है। तमाम यादों को लेकर जारी एक बयान में कोलकाता प्रेस क्लब ने मुखर्जी की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है|

By Editor

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *