मेडट्रॉनिक और कार्डियक डिजाइन लैब्स ने भारत में घरेलू रूप से विकसित आधुनिक हार्ट रिदम मॉनिटरिंग टेक्नोलॉजी लॉन्च करने के लिए सहयोग किया

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मेडट्रॉनिक पीएलसी (NYSE:MDT) के पूर्ण स्वामित्व की अनुषंगी, इंडिया मेडट्रॉनिक प्राइवेट लिमिटेड ने आज कार्डियक डिजाइन लैब्स (सीडीएल) के साथ अपने रणनैतिक सहयोग की घोषणा की। इस सहयोग के तहत सीडीएल की अनूठी नैदानिक तकनीक, पद्मा रिदम्स® की लॉन्चिंग की जाएगी और उसके बाद इस तकनीक का दायरा बढ़ाने एवं इसका विस्तार करने पर ध्यान दिया जाएगा। गौरतलब है कि पद्मा रिद्म्स एक एक्सटर्नल लूप रिकॉर्डर (ईएलआर) पैच है जिसे हृदय की व्यापक, दीर्घकालिक निगरानी और निदान के लिए डिजाइन किया गया है। इस सहयोग के अनुसार मेडट्रॉनिक भारत में पद्मा रिदम्स के लिए एकमात्र वितरक होगी, जबकि पूरे देश में ईएलआर तकनीक की सुलभता विस्तारित करने के लिए मेडट्रॉनिक और सीडीएल संयुक्त रूप से प्रशिक्षण और शिक्षण पाठ्यक्रम विकसित करेंगी। मेडट्रॉनिक इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर, माइकल ब्लैकवेल ने कहा कि, “हम भारत में कार्डियक रिदम मॉनिटरिंग का स्वरुप बदलने के लिए सीडीएल के साथ इस बदलाव लाने वाले अभियान की शुरुआत करके हमें बेहद खुशी हो रही है। हृदयरोगों की दूर से निगरानी का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है और पद्मा रिदम्स ईएलआर पैच के शामिल होने से हमें सम्पूर्ण भारत में इसकी पहुँच बढ़ाकर ज्यादा रोगियों की सेवा करने का अवसर मिल रहा है।”

ईएलआर उपकरण में बाहरी पैच की सुविधा और होल्टर की उन्नत क्षमता का संयोजन है। इससे हृदयगति की निगरानी की अवधि के लिए सटीक और गहरी परख वाले डेटा मिलते हैं। इसे सीडीएलद्वारा भारत में अभिकल्पित और निर्मित किया गया है। यह जाँच, डेटा, अल्गोरिदम, विश्लेषण, समीक्षा, और रिपोर्टिंग के प्रबंधन के लिए एक असाधारण कनेक्टेड प्लैटफॉर्म द्वारा संचालित होता है। सीडीएल की नई खोजों में पहनने वाले (वियरेबल) उपकरण शामिल हैं, जिन्हें पसीना पैदा करने वाली परिस्थितियों में भरोसेमंद कार्यप्रवाह के साथ प्रयोग के लिए डिजाइन किया गया है। इन उपकरणों का प्रयोग करने के लिए कम से कम हस्तक्षेप की ज़रूरत होती है। एक स्वचालित डेटा ट्रान्सफर मैकेनिज्म डॉक्टरों और तकनीशियनों को रियल-टाइम जाँच प्रबंधन डैशबोर्ड्स और मांगे जाने पर डिस्क्लोजर की सुविधा प्रदान करता है। कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (सीवीडी) भारत समेत पूरे विश्व में मौत का प्रमुख कारण बना हुआ है। ग्लोबल बर्डन ऑफ़ डिजीज द्वारा किये गए एक अध्ययन के अनुसार प्रति एक लाख की आबादी में सीवीडी से होने वाले मौतों का अनुपात वैश्विक औसत 235 के मुकाबले भारत में 272 है। सीडीएल के फाउंडर और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, आनंद मदनगोपाल ने कहा कि, “मेडट्रॉनिक के साथ सहयोग करके हम उत्साहित हैं। हमारा संयुक्त उद्देश्य भारत में हृदयगति की खराबी का संकट कम करना है। भारत में कार्डिएक केयर के भविष्य के लिए इस सहयोग में जबरदस्त संभावना है। पद्मा रिद्म्स सुदृढ़ आरऐंडडी फोकस के साथ एक घरेलू प्लैटफॉर्म बनाने के लिए एक दशक की कोशिश और प्रौद्योगिकियों के मेल का प्रतीक है। इस प्लैटफॉर्म से प्रचलित कार्डियक मॉनिटरिंग दृष्टिकोण में जबरदस्त बदलाव आ सकता है।”

रोगियों पर दो मिलियन घंटे से अधिक के ईसीजी द्वारा प्रमाणित, सीडीएल के मालिकाना अल्गोरिद्म्स को विश्व स्तर के सर्वश्रेष्ठ के मुकाबले मानकीकृत किया गया है और यह उनके नवाचार तथा कार्यप्रदर्शन के उच्च मानदंडों के प्रति वचनबद्धता का केंद्रबिंदु बना हुआ है।2 एकीकृत प्लैटफॉर्म के साथ इस संयोजन से जाँच के परिणाम और रिदम निदान में शुद्धता सुनिश्चित होती है। नारायण हेल्थ के चेयरमैन, डॉ. देवी शेट्टी ने कहा कि, “कार्डियक रिदम की खराबी अक्सर सूक्ष्म लक्ष्ण प्रदर्शित करती है और इससे सभी उम्र तथा पृष्ठभूमि के लोग प्रभावित हो सकते हैं। सस्ते नैदानिक समाधानों से सामाजिक-आर्थिक हैसियत का विचार किये बगैर हर किसी के लिए आवश्यक नैदानिक साधन प्राप्त करना सुनिश्चित होता है। इसके फलस्वरूप रोग की जल्द पहचान होती है और सही समय पर हस्तक्षेप करना संभव होता है। ऐसी ही पहलों से देश में कार्डियोवैस्कुलर रोगों के बढ़ते बोझ को कम करने में मदद मिलेगी।”