मॉनसून के दौरान डायबिटीज को नियंत्रित रखने के उपाय

ढेर सारी चाय पीना, पानी से भरे गड्ढों में नाचना, कागज की नाव बनाना, गर्मा-गर्म पकौड़ों और संगीत का आनंद लेते हुए खिड़की से बाहर के नजारों का लुत्‍फ उठाना- ये बातें मॉनसून के साथ शुरू होती हैं और यह मौसम हमेशा से हम सभी को आकर्षित करता आया है। इस मौसम में डायबिटीज के मरीजों को अपनी नियमित जाँच को टालना नहीं चाहिए क्‍योंकि यह बहुत महत्‍वपूर्ण है। इसके अलावा, अपने ब्‍लड शुगर लेवल पर नजर बनाये रखने की कोशिश जरूर करनी चाहिये। यह कंटिन्‍यूअस ग्‍लूकोज मॉनिटरिंग (सीजीएम) उपकरणों जैसे टूल्‍स के इस्‍तेमाल द्वारा आसानी से किया जा सकता है, जिनमें ग्‍लूकोज लेवल की जानकारी पाने के लिये उंगली पर प्रिक नहीं करना पड़ता है।

ऐसे उपकरणों में ‘टाइम इन रेंज’ जैसे मेट्रिक्‍स होते हैं, जो दिन के उस वक्‍त का संकेत देते हैं, जब आपका ग्‍लूकोज लेवल एक विशेष सीमा में रहता है। अपनी रीडिंग्‍स पर अक्‍सर नजर रखना अक्‍सर सबसे सही इस रेंज वाले ज्‍यादा समय के साथ जोड़कर भी देखा जाता है। यह रेंज आपके ग्‍लूकोज पर नियंत्रण को बेहतर बना सकतीहै।

डॉ। घनश्याम गोयल, अंत पेस (एसए), कोलकाता ने कहाने कहा, “डायबिटीज के मरीजों के लिये, मॉनसून की शुरूआत कई तरह के संक्रमणों के आने का संकेत देती है, जैसे कि फ्लू और जल-जनित रोग। यह उनके रोग इम्‍युन सिस्‍टम को प्रभावित कर सकते हैं और स्‍वास्‍थ्‍य की दूसरी समस्‍याएं दे सकते हैं और इस प्रकार यह वक्‍त विशेष रूप से चुनौती वाला बन जाता है। डायबिटीज के मरीजों को इस वक्‍त के दौरान सेहत की चिंताओं और ग्‍लूकोज में उतार-चढ़ाव से बचने के लिये और स्‍वस्‍थ रहने के लिये ज्‍यादा सावधानी रखनी चाहिये और रोकथाम के कदम उठाने चाहिये। इस प्रकार, इंसुलिन पर मरीजों के लिए निगरानी बेहद महत्वपूर्ण है और निरंतर कंटिन्‍यूअस ग्लूकोज मॉनिटरिंग (सीजीएम) जैसे समाधानों के माध्यम से इसका समर्थन मिल सकता है।”

By Business Bureau

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