विदेश मंत्रालय (MEA) के साथ साझेदारी में, राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (NCGG) ने बांग्लादेश सिविल सेवकों के 58वें बैच के लिए अपना प्रमुख कैपेसिटी बिल्डिंग (CBP) पूरा किया, जिसमें 45 अधिकारियों ने भाग लिया था। कार्यक्रम में नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रभावी सार्वजनिक नीतियों और कार्यक्रमों को डिजाइन और क्रियान्वित करने पर केंद्रित था।
अपनी समापन टिप्पणी में, एनसीजीजी के महानिदेशक भरत लाल ने अधिकारियों से लोगों की जरूरतों के प्रति उत्तरदायी होने का आग्रह किया और समयबद्ध तरीके से सार्वजनिक शिकायतों के निवारण के महत्वपूर्ण महत्व पर जोर दिया। उन्होंने दोनों देशों के बीच विकासात्मक साझेदारी की सराहना की है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ के मंत्र पर प्रकाश डाला और सिविल सेवकों से नागरिकों और सरकार के बीच की खाई को पाटने का आग्रह किया है।
विदेश मंत्रालय और ढाका में भारतीय मिशन के सहयोग से, एनसीजीजी ने बांग्लादेश के लगभग 2,055 सिविल सेवकों को प्रशिक्षित किया है। मंत्रालय के साथ साझेदारी में, एनसीजीजी ने विकासशील देशों के सिविल सेवकों की क्षमता निर्माण की जिम्मेदारी ली है। अब तक इसने 15 देशों के सिविल सेवकों को प्रशिक्षण प्रदान किया है। इस आयोजन में, एनसीजीजी ने देश में की गई विभिन्न पहलों को साझा किया गया है, जैसे की शासन के बदलते प्रतिमान, गंगा के विशेष संदर्भ में नदियों का कायाकल्प, डिजिटल प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना, भारत के ग्रामीण परिदृश्य को बदलना, पासपोर्ट सेवाएं आदि ।