कोलकाता के पंडाल में दुर्गा के रूप में पूजी जा रही हैं ममता बनर्जी

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अलग अलग सामाजिक संदेश और थीम के लिए जानी जाने वाली पश्चिम बंगाल की दुर्गा पूजा इस बार महामारी के साए में भी बेहद खास तरीके से आयोजित की गई हैं। उत्तर 24 परगना में एक थीम-आधारित पंडाल ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की एक मूर्ति मां दुर्गा की जगह स्थापित की है। पंडाल उत्तर 24 परगना के नजरूल पार्क उन्नयन समिति द्वारा बनाया गया है जो बागुईहाटी में स्थित है।  मूर्ति के 10 हाथ हैं जिनमे ममता बनर्जी द्वारा शुरू की गई दस महत्वाकांक्षी योजनाओं को दर्शाया गया हैं।


 बागुईआटी नजरूल पार्क उन्नयन समिति के अध्यक्ष इंद्रनाथ बागुई ने बताया, “मूर्ति के प्रत्येक हाथ में कन्याश्री, सबुज साथी, युवाश्री, लखी भंडार, खाद्य साथी, स्वास्थय साथी  जैसी उनकी सरकार की योजनाओं को दिखाया गया है।” मूर्ति को फाइबरग्लास से बनाया गया है।  इसमें दिख रही ममता बनर्जी सफेद साड़ी में हैं और मूर्ति की पृष्ठभूमि में ‘विश्न बांग्ला’ का लोगो लगा है जो पश्चिम बंगाल का वाणिज्यिक चिह्न है। पंडाल के थीम आर्टिस्ट अभिजीत ने बताया कि सभी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए पंडाल को पूरा करने में उन्हें लगभग 1.5 महीने का समय लगा। अभिजीत ने कहा, “कार्यकर्ताओं को काम करने के लिए मनाना मुश्किल था। हमने सुनिश्चित किया कि उन सभी को टीके लगाए जाएंगे। उसके बाद ही वे यहां काम करने के लिए सहमत हुए।”

राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, पंडाल बड़ा और सभी तरफ से खुले होने चाहिए, जिसमें अलग-अलग प्रवेश-निकास बिंदु हों।   पंडालों में मौजूदा महामारी रोकथाम मानदंडों के संदर्भ में शारीरिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त स्थान और व्यवस्था होनी चाहिए। बागुई ने बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार के दिशा निर्देशों को ध्यान में रखते हुए दुर्गा पूजा पंडाल बनाए गए हैं और मूर्ति भी स्थापित की गई है। लोग बाहर से ही दर्शन कर सकेंगे। उल्लेखनीय है कि इस साल नवरात्रि में अष्टमी 13 अक्टूबर को है जबकि दशमी 15 अक्टूबर को है। आयोजकों ने बताया है कि हाईकोर्ट के निर्देशानुसार अष्टमी के दिन पुष्पांजलि अर्पित की जाएगी और दशमी को सिंदूर खेल का भी आयोजन किया जाएगा। इसमें शामिल होने वालों के लिए कोरोना रोधी वैक्सीन की दोनों डोज अनिवार्य किया गया है।