मालदा : रथ के पहिये की चपेट में आने से प्रथम श्रेणी के छात्र की मौत

211

रथ के पहिये की चपेट में आने से प्रथम श्रेणी के एक छात्र की मौत हो गई। कोरोना प्रकोप के दौरान मालदा में रथ यात्रा पर प्रतिबंध के बावजूद ओल्ड  मालदा के मधाईपुर इलाके में रथ यात्रा कैसे हुई, इसे  लेकर चर्चा जारी है। वहीं इसी क्षेत्र में रथ के पहिये से कुचले जाने पर सात वर्षीय बच्चे की मौत के बाद यहाँ कोहराम मच गया . घटना सोमवार शाम करीब 6.30 बजे ओल्ड  मालदा थाना क्षेत्र के मधाईपुर इलाके में रूप सनातन मंदिर से सटे मैदान में हुई|

रथ यात्रा के अवसर पर रूप सनातन प्राधिकरण की ओर से मधेपुर क्षेत्र के मैदान में रथ यात्रा का आयोजन किया गया| प्रथम श्रेणी का लड़का उस रथ में बैठा था। तभी वह रथ से गिरकर पहियों के नीचे आ गया। छात्र रथ के पहिये के नीचे आ गया। रथ के लकड़ी का पहिया उसके शरीर पर चल गया। मामले के प्रकाश में आते ही इलाके में कोहराम मच गया। ओल्ड मालदा थाने की पुलिस मौके पर पहुंचकर हालात को नियंत्रित किया। हालांकि पुलिस ने कोरोना काल में रथ के संचालन की जांच शुरू कर दी है। दूसरी ओर  रूप सनातन मंदिर के अधिकारी इस मामले पर कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है।  पुलिस और स्थानीय सूत्रों ने कहा कि मृत लड़के की पहचान सात साल के संजय साहा के रूप में हुई है। उसका घर ओल्ड  मालदा नगर पालिका के 18वें वार्ड में कोर्ट स्टेशन से सटे बच्चा कॉलोनी इलाके में है| मृतक छात्र के पिता सुमन साहा पेशे से राजमिस्त्री हैं। मां शिखा साहा, गृहिणी। बालक ने आज दोपहर मधेपुर क्षेत्र में रथ यात्रा देखने की जिद की। फिर वह अपनी मां के साथ उस इलाके में रथ यात्रा उत्सव देखने गया और  हादसे का शिकार हो गया। इस बीच सवाल उठा है कि रूप सनातन मंदिर प्रशासन की पहल पर रथयात्रा निकाली जा रही थी |  काफी संख्या में लोग वहां जमा थे । कैसे यह बालक सबकी आंखों के सामने रथ पर सवार हो गया और फिर वह वहीं बेसुध होकर नीचे गिर पड़ा। बालक लगभग 12 फीट ऊँचे रथ के सिर से गिरकर पहियों के नीचे दब गया जिससे  मौके पर ही उसकी मौत  हो गयी। हादसे के कुछ ही देर बाद रथ यात्रा  बंद कर दिया गया।  घटना की खबर मिलते ही पुलिस जांच में जुट गई।

मृत लड़के की मां शिखा साहा ने कहा कि उसका बीटा  रथ देखने की जिद कर रहा था। वो उसे अपने साथ मधाईपुर इलाके में ले गयी । उन्हें समझ नहीं आया कि वह कब भीड़ में रथ पर जा बैठा । तभी यह हादसा हो गया। इस बीच, रूप सनातन मंदिर प्राधिकरण के सदस्य दिवाकर घोष ने कहा कि सरकारी आदेश के बाद रथ में जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा की मूर्तियों की पूजा की गयी।  रथ को इस तरह खींचने की कोई व्यवस्था नहीं थी।  कहां हुआ कुछ समझ नहीं आ रहा।  मंदिर प्रशासन ने इससे ज्यादा कुछ नहीं बताया। ओल्ड मालदा थाने के आईसी हीरक विश्वास ने कहा कि इस बात की जांच की जा रही है कि क्या  सरकार के निर्देशों की अनदेखी कर रथ को खींचा जा रहा था. हादसा कैसे हुआ इसकी भी जांच की जा रही है। शव को बरामद कर मालदा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल बेहज दिया भेज दिया गया।