कोरोना के साए में भी सरकारी अधिवक्ता की सक्रियता से महज दो महीने में हत्यारोपितों को आजीवन कारावास

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एक तरफ जहां कोरोना संकट की वजह से विभिन्न न्यायालयों में मामलों की सुनवाई लंबित है। केवल बेल पिटीशन पर सुनवाई हो रही है। वहीं दूसरी तरफ मालदा जिला अदालत के सरकारी अधिवक्ता और मशहूर साइबर एक्सपर्ट विभाष चटर्जी की सक्रियता की वजह से हत्या के मामले में आरोपितों को महज दो महीने के भीतर आजीवन कारावास की सजा हुई है। शुक्रवार को  विशेष बातचीत में उन्होंने खुद इस बारे में जानकारी दी है।

उन्होंने बताया कि पिछले साल दुर्गा पूजा की दशमी के दिन 59 साल के हनुमान राय नाम के व्यक्ति का शव नग्न हालत में मालदा के रेलवे आवास में बरामद किया गया था। मामले की जांच के दौरान पुलिस ने मोहम्मद मुबारक और जाकिर शेख नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया था। हत्या के बाद दोनों मृतक का मोबाइल फोन लेकर फरार हो गए थे। जांच के लिए पुलिस ने अधिवक्ता और साइबर एक्सपर्ट विभाष चटर्जी से मदद मांगी। वह तत्काल मदद में जुट गए थे। अपनी साइबर विशेषताओं का इस्तेमाल कर उन्होंने पुलिस की मदद की और मोबाइल टावर लोकेशन ट्रेस कर दोनों आरोपितों को धर दबोचा गया था।‌ पूछताछ में उन्होंने बताया कि हनुमान राय के साथ उनका होमोसेक्सुअल संबंध था। दोनों आरोपितों ने दावा किया है कि हनुमान ने शारीरिक संबंध बनाते हुए दोनों का वीडियो बना लिया था और उसे सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी दे रहा था इसलिए उसकी हत्या की थी।

विभाष चटर्जी ने बताया कि इसी साल तीन जुलाई को चार्ज गठित हुआ था जिसके बाद गवाही लेने की प्रक्रिया 26 जुलाई तक चली थी। उसके बाद 29 सितंबर से मालदा के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश मऊ चटर्जी की पीठ में मामले की सुनवाई शुरू हुई। इस दौरान सरकारी अधिवक्ता के तौर पर विभाष चटर्जी बार-बार कोलकाता से मालदा गए और महज 11 दिनों की सुनवाई में चटर्जी ने इतने बेहतरीन तरीके से साक्ष्यों और तथ्यों को न्यायालय के समक्ष रखा की जज ने दोनों आरोपितों को आजीवन कारावास और 10-10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। गुरुवार को ही दोनों को सजा हुई है।
 उल्लेखनीय है कि विभाष चटर्जी ने हाल ही में एक मोबाइल एप्लीकेशन भी बनाया था जिसमें कानून संबंधी सारी जानकारियां हिंदी, अंग्रेजी और बांग्ला तीनों भाषाओं में उपलब्ध कराई थी।