मालबाजार के हादसे से मिली सबक, महानंदा नदी की होगी ड्रेजिंग 

सिलीगुड़ी शहर और महानंदा अभयारण्य को हरपा बाढ़ से बचाने के लिए वन विभाग ने एक वृहद योजना ली है।

विभागीय सूत्र के अनुसार महानंदा नदी के साढ़े तीन किलोमीटर क्षेत्र को गुलमा में ड्रेजिंग की जाएगी। उल्लेखनीय है कि महानंदा नदी के बीच बड़े-बड़े शिलाखंड हैं। यदि पहाड़ों में अत्यधिक वर्षा होती है तो भूस्खलन की आशंका अधिक रहती है। इससे सिलीगुड़ी शहर भयावह रूप ले सकता है। नदी अभी से टूटने लगी है। महानंदा अभयारण्य भी क्षतिग्रस्त हो गया है। यह फैसला वन्यजीवों को ध्यान में रखकर लिया गया है। यह बात राज्य के वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने आज क्षेत्र का दौरा करने के बाद कही।
उन्होंने कहा कि, दार्जिलिंग के जिला कलेक्टर इसे ठीक कर मुख्य वन अधिकारी को रिपोर्ट देंगे। मुख्य सचिव के हरी झंडी मिलते ही काम शुरू हो जाएगा। पत्थरों का संग्रह कर उसे एक विशेष स्थान पर गिराया जाएगा। फिर उस शिलाखंड का इस्तेमाल सरकारी काम में किया जाएगा। सनद रहे कि कुछ साल पहले गुलमा में जलस्तर भयावह स्तर तक बढ़ गया था। उस दौरान कई गांव और चाय बा गान डूब गए थे। 

वन अधिकारियों का भी मानना है कि यदि ड्रेजिंग की जाती है, तो नदी की नौगम्यता भी बढ़ेगी। यदि इस बार पहाड़ों में अत्यधिक वर्षा होती है तो हरपा बाढ़ की प्रबल संभावना है। इससे सिलीगुड़ी शहर को काफी क्षति पहुंच सकती है। नदी अभी से टूटने लगी है। महानंदा अभयारण्य भी इससे क्षतिग्रस्त हो गया है। वन मंत्री ने कहा कि वन्य जीवों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है।

By Priyanka Bhowmick

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *