पश्चिम बंगाल के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री बुल चिक बड़ाइक ने मालबाजार में कुरुख साक्षरता सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित 15 दिवसीय कुरुख भाषा प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया। कुरुख भाषा को बढ़ावा देने के उद्देश्य इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जो 30 जुलाई तक जारी रहेगी। कुरुख साक्षरता सोसाइटी ऑफ इंडिया के सदस्यों ने बताया कि, हालाँकि कई प्रतिभागी, युवा और वृद्ध, कुरुख भाषा धाराप्रवाह बोल सकते हैं, लेकिन उन्हें अपनी भाषा में पढ़ना-लिखना सीखने का अवसर कभी नहीं मिला। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम इस अंतर को पाटने और मातृभाषा साक्षरता के माध्यम से समुदाय को सशक्त बनाने में मदद करेगा।
राज्य सरकार ने पहली बार 21 फरवरी, 2017 को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर कुरुख को पश्चिम बंगाल की आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में मान्यता देने की घोषणा की थी। इसके बाद 8 फरवरी 2018 को पश्चिम बंगाल राजभाषा (संशोधन) विधेयक पारित किया गया, जिसमें कुरुख को औपचारिक रूप से राज्य की आधिकारिक भाषाओं में शामिल किया गया। यह दूरदर्शी कदम माननीय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में उठाया गया है, जिन्होंने हमेशा आदिवासी समुदाय के सांस्कृतिक और भाषाई अधिकारों का समर्थन किया है।
पदभार ग्रहण करने के बाद से, माननीय मंत्री श्री बुलु चिक बड़ाइक हमारे राज्य के आदिवासी समुदाय के विकास और उत्थान के लिए अथक प्रयास करते रहे हैं। माननीय मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन और आशीर्वाद से, उन्होंने शिक्षा, बुनियादी ढांचे, कौशल विकास और सांस्कृतिक संरक्षण के क्षेत्रों में दोनों विभागों में कई पहलों का नेतृत्व किया है। उनके प्रयासों से पश्चिम बंगाल के डुआर्स, तराई और अन्य आदिवासी क्षेत्रों में सार्थक बदलाव आए हैं। यह कुरुख साक्षरता प्रशिक्षण समुदाय के सशक्तिकरण के लिए उनके निरंतर कार्य में एक और मील का पत्थर है। यह न केवल कुरुख लोगों की समृद्ध भाषाई विरासत को संरक्षित करने में मदद करता है, बल्कि आदिवासी समुदाय की अपनी भाषा में शिक्षा के माध्यम से उनकी पहचान और गौरव को भी मजबूत करता है।
