स्वास्थ्य भवन में जूनियर डॉक्टरों का प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी, कहा-वे एसी कमरे में बैठे-बैठे हताश हैं, हम नहीं 

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पश्चिम बंगाल में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले को आज पूरा एक महीना बीत गया है। मगर, राज्य सरकार, पुलिस और सीबीआई के हाथ अभी भी खाली है। इससे देशभर में नाराजगी है। वहीं राज्य में हंगामा जारी है। तनाव भरे हालात बने हुए है। जूनियर डॉक्टर लगातार आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के स्वास्थ्य भवन में विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। वह दिन-रात कुछ भी नहीं देख रहे हैं। आज तीसरे दिन उनका प्रदर्शन जारी है। गौरतलब है, अस्पताल के सेमिनार कक्ष में नौ अगस्त को प्रशिक्षु डॉक्टर का शव मिलने के बाद से घटना के विरोध में देशव्यापी प्रदर्शन हो रहे हैं। डॉक्टर पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। 
जूनियर डॉक्टरों के विरोध जारी रखने पर डॉ. अर्नब मुखोपाध्याय ने कहा, ‘हमने देखा है कि राज्य सरकार द्वारा एक सार्वजनिक बैठक आयोजित की गई थी। स्वास्थ्य राज्य मंत्री (पश्चिम बंगाल) चंद्रिमा भट्टाचार्य वहां मौजूद थे। उन्होंने कुछ बातें कही – जिसमें यह भी शामिल था कि वे हमारे साथ खुले दिल से चर्चा करना चाहते हैं। हम भी इसका इंतजार कर रहे हैं। यह बेहतर होगा और हमने मांग की है कि पारदर्शिता बनाए रखने के लिए चर्चा का सीधा प्रसारण किया जाए। उनका कहना है कि वह हताश हैं, जबकि मैं कहना चाहता हूं कि वे एसी कमरे में बैठे-बैठे हताश हैं, जबकि हम यहां रास्ते में बैठकर हताश हैं। हमारे पास चर्चा के सभी माध्यम खुले हैं, लेकिन हमारी शर्तें अनुचित नहीं हैं… हम अपना विरोध जारी रखेंगे’।