श्रावण मेले के लिए सज रहा जलपेश मंदिर, कुछ दिनों बाद गूंजेंगे हर हर महादेव के नारे 

जलपेश में कुछ ही दिनों में उत्सव का माहौल होने वाला है! जलपेश मंदिर परिसर श्रावण मास के मेले के लिए तैयार है।  मेले के लिए जलपेश मंदिर और उससे सटी तीस्ता नदी के तट पर गहन तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। हर साल की तरह इस बार भी श्रद्धालुओं की उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने कमर कस ली है। श्रावण मास में श्रद्धालु तीस्ता नदी के जल में स्नान कर जलपेश मंदिर की यात्रा करते हैं। लेकिन हर साल मानसून के कारण तीस्ता नदी में काफी उथल-पुथल मच जाती है। इसलिए इस साल नदी के किनारों पर पहले से ही अतिरिक्त एहतियात बरती जा रही है।

जिलाधिकारी ने खुद इलाके का दौरा किया और कहा कि सुरक्षा प्राथमिकता है। यह स्पष्ट रूप से तय किया जा रहा है कि कहां स्नान की अनुमति है और कहां नहीं। इसके अलावा मंदिर में प्रवेश को लेकर पुराने नियम भी बने रहेंगे। गर्भगृह में प्रवेश के लिए श्रद्धालुओं को 50 रुपये का टोकन देना होगा। इस बार भी मंदिर में प्रवेश के लिए एक ही द्वार होगा। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए निगरानी भी बढ़ा दी गई है। इस बीच, मंदिर परिसर के आसपास का इलाका मेले से खचाखच भरा हुआ है।

दुकानें, पूजा सामग्री, खाने-पीने के स्टॉल-सब कुछ सज चुका है। पंडाल बनाने का काम भी शुरू हो गया है। श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्नान और दर्शन का मौका देने के लिए जिला प्रशासन ने कई कदम उठाए हैं। नदी तट पर सिविल डिफेंस और पुलिस की गश्त रहेगी। जलपेश मंदिर का मतलब सिर्फ भक्ति ही नहीं, बल्कि उत्तर बंगाल की भावनाएं भी हैं। प्रशासन और मंदिर अधिकारी इस बात की पूरी कोशिश कर रहे हैं कि उस भावना में कोई खलल न पड़े। अब उन्हें बस श्रद्धालुओं के आने का इंतजार है।

By Sonakshi Sarkar