इस्लामपुर : महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मछली पालन का प्रशिक्षण देगा प्रशासन

307

इस्लामपुर ब्लॉक प्रशासन की ओर  से  महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें मछली पालन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है . इस्लामपुर ब्लॉक में 31 स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को यह प्रशिक्षण दिया जायेगा। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार  प्रशिक्षण लेने वाली महिलाओं की सूची  तैयार कर ली गई है। 2 से 4 अगस्त तक इस्लामपुर शहर के सूर्यसेन मंच में इन महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस्लामपुर में स्वयं सहायता समूह और स्वरोजगार विभाग के पर्यवेक्षक शुभंकर कुंडू ने बताया पोल्ट्री फार्म स्थापित करने के लिए पिछले साल छह स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षित किया गया था। एक महिला टीम को मछली पकड़ने के लिए प्रशिक्षित किया गया था। यह प्रयास कामयाब रहा ।

मत्स्य विभाग के सहयोग से इस बार स्वयं सहायता समूहों की 31 महिलाओं को मछली पालन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। हमारा लक्ष्य ब्लॉक में कम से कम आधे आत्मनिर्भर समूहों को आत्मनिर्भर बनाना है.  महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना ही इस परियोजना का  मुख्य उद्देश्य है। वहीँ  मत्स्य पालन विभाग के इस्लामपुर प्रखंड अधिकारी सत्यजीत दास ने कहा कि इस परियोजना के तहत जिनका खुद का अथवा लीज में लिए हुआ तालाब है उस  आत्मनिर्भर महिला टीम को प्रशिक्षित किया जायेगा।  ऐसे समूहों को पहले ही एक स्कीम दी जा चुकी है। इसमें कहा गया है कि किस तरह की मछली की खेती की जाएगी, इसकी लागत कितनी होगी। इस बार उन्हें मछली पालन की ट्रेनिंग दी जाएगी। प्रशिक्षण के अंत में उन्हें फिश फ्राई, खाद, जाल और अन्य सामान दिए जायेंगे ।

परियोजना से जुड़े सूत्रों के अनुसार प्रशिक्षण शिविर में 31 महिला टीम हिस्सा लेंगी। प्रत्येक टीम से तीन प्रशिक्षक होंगे। बाद में उन्हें तालाब के आकार के आधार पर फिश फ्राई, चूना, खाद, दो तरह के जाल और अन्य उपकरण दिए जाएंगे। दूसरी ओर  स्थानीय महिलाओं  के अनुसार, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई परियोजनाओं की शुरुआत की है। सरकार प्रशिक्षण, ऋण सुविधाएं, निर्मित उत्पादों की बिक्री के लिए बाजार प्रदान करने सहित विभिन्न सुविधाओं के साथ सरकार महिलाओं के साथ  खड़ी है। होल्ड वाटर, फिल वाटर परियोजना के माध्यम से जल संरक्षण के लिए बहुत सारे जलाशयों का पुनर्वास किया गया है। योजना के तहत कई तालाब खोदे जा चुके हैं। मछली हमारी प्रोटीन की जरूरत को पूरा करती है। इसलिए बाजार में मछली की काफी मांग है। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं मछली की खेती करके और अपने परिवार के लिए थोड़ी अधिक कमाई करके आत्मनिर्भर बन सकती हैं।