सिंचाई मंत्री सबीना यास्मीन ने नदी कटाव वाले क्षेत्रों का लिया जायजा, जल्द मदद का दिया आश्वासन

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सिंचाई राज्य मंत्री सबीना यास्मीन ने मंगलवार को मानिकचक घाट के नदी कटाव क्षेत्र का दौरा किया. उन्होंने क्षतिग्रस्त क्षेत्र का निरीक्षण किया और प्रभावित लोगों से बात की. मंत्री ने आश्वासन दिया कि जल्द ही राहत काम शुरु किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने  इस इस विनाश के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। राज्य की सिंचाई मंत्री सबीना यास्मीन ने  आज  मानिकचक प्रखंड के गोपालपुर क्षेत्र का दौरा किया. मंत्री प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मानिकचक घाट से गंगा नदी पार कर गोपालपुर के कटाव क्षेत्र में पहुंची।  उन्होंने  प्रभावित इलाकों के लोगों से बात की। उनकी शिकायतें सुनें। इसके साथ ही मंत्री ने आश्वासन दिया कि कुछ दिनों में युद्धस्तर पर  राहत कार्य  शुरू हो जाएगा। साथ ही  मंत्री ने आश्वासन दिया कि नदी के किनारे के सभी गांवों का पुनर्वास किया जाएगा। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से गोपालपुर क्षेत्र के विस्तृत क्षेत्र में गंगा नदी का कटाव जारी है। स्थानीय लोगों के अनुसार अब तक सैकड़ों बीघा जमीन नदी में डूब चुकी है.  गंगा नदी का तटबंध  टूटने से काफी संख्या में लोगों के घर बह गए।  कई परिवार अपनी जमीन खोने के डर से लगभग असहाय हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पिछले कुछ दिनों से नदी  कटाव जारी रहने के बावजूद प्रशासन ने अब तक  इस बारे में कोई  पहल नहीं की . स्थानीय लोगों का आरोप है कि अब तक कटाव   को रोकने का काम शुरू नहीं किया गया है.  दूसरी ओर मंत्री के साथ मानिकचक बीडीओ जॉय अहमद, मानिकचक पंचायत समिति अध्यक्ष कबिता मंडल, मानिकचक थाना आईसी अक्षय पाल, माणिकचक विधायक सावित्री मित्रा के प्रतिनिधि समद्वीप सरकार, जिला परिषद सदस्य सबीना यास्मीन और जिला सिंचाई विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे. राज्य की सिंचाई मंत्री सबीना यास्मीन ने कटाव क्षेत्र का निरीक्षण करते हुए कहा कि मानिकचक में विभिन्न स्थानों पर गंगा तट में कटाव हो रहा है.कटाव पर जिला सिंचाई विभाग की नजर है.गोपालपुर क्षेत्र में कटाव को रोकने के लिए जल्द कार्य शुरू होगा.सिंचाई विभाग की देखरेख में बालू की बोरियों को नदी किनारे रखा जा रहा है।  हालांकि, मंत्री सबीना यास्मीन ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार नदी कटाव  रोकने के प्रति उदासीन है। जिले में यह समस्या लंबे समय से है। लेकिन आज एक इसका कोई स्थाई समाधान नहीं निकला । बारिश आने पर नदी किनारे के लोग दहशत में हैं। इस समस्या के समाधान के लिए प्रशासन को सक्रिय होना चाहिए।