इंडसइंड बैंक की बढ़ी मुश्किलें, कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय ने दी एसएफआईओ जांच की मंजूरी

भारत सरकार के कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय (एमसीए) ने इंडसइंड बैंक के कामकाज में गंभीर वित्तीय गड़बड़ियों की शिकायतों के बाद ‘सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस’ (एसएफआईओ) को जांच का आदेश दिया है। यह कदम जनहित में उठाया गया है, क्योंकि बैंक के वैधानिक ऑडिटर्स द्वारा दाखिल किए गए एडीटी-4 फॉर्म में लगभग ₹1,959.78 करोड़ की लेखा विसंगतियों का खुलासा हुआ है। यह मामला वित्त वर्ष 2015-16 से लेकर 2023-24 तक की अवधि से संबंधित है। बैंक के आंतरिक नियंत्रण और गवर्नेंस में कमियों के साथ-साथ खातों में हेरफेर और फर्जी खातों के निर्माण जैसे गंभीर आरोप भी जांच के दायरे में हैं।


एसएफआईओ की यह व्यापक जांच बैंक के डेरिवेटिव ट्रांजेक्शन, माइक्रोफाइनेंस पोर्टफोलियो और संबंधित पक्ष लेनदेन पर केंद्रित होगी। जांच एजेंसी यह भी पता लगाएगी कि क्या बैंक के फंड को कहीं और डायवर्ट किया गया है और इसके पीछे किन लाभार्थियों का हाथ है। हालांकि बैंक प्रबंधन ने कहा है कि उनकी पूंजी और लाभप्रदता इस नुकसान को सहने में सक्षम है, लेकिन बाजार नियामक सेबी और आरबीआई भी पूर्व उच्च अधिकारियों की भूमिका और संभावित इनसाइडर ट्रेडिंग की जांच कर रहे हैं। इस घटनाक्रम ने बैंकिंग सेक्टर में पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर कई बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।

By rohan