द लैंसेट में डायबिटीज एंड एंडोक्राइनोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार भारत में 13.6 करोड़ या आबादी का 15.3% हिस्सा प्री-डायबिटीज के साथ जी रहा है। 2017 से लेकर अब तक इसमें काफी ज्यादा वृद्धि हुई है, जब आबादी का लगभग 6-15% प्रीडायबिटिक था। भारत में प्री-डायबिटीज के बढ़ते मामलों के साथ, अपनी सेहत का ख्याल रखने के लिए सक्रिय कदम उठाना बेहद जरूरी है। स्वच्छ, समझदारी भरा भोजन, ब्लड शुगर के स्तर को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है और ये प्री-डायबिटीज को पलट भी सकता है। ब्लड शुगर डायबिटीज में बदले, इससे पहले ही इसे नियंत्रित करने के लिए डॉ. रोहिणी पाटिल, एमबीबीएस और आहार विशेषज्ञ ने अपने भोजन में कुछ जरूरी खाद्य पदार्थों को शामिल करना महत्वपूर्ण बताया है। अपने खानपान में बदलावों के अलावा, उन्होंने सक्रिय जीवनशैली अपनाने, अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड से बचने और खाने के बाद टहलने जैसी नियमित शारीरिक गतिविधियों को करने की भी सलाह दी। इन सभी उपायों से ब्लड शुगर को बढ़ने से रोका जा सकता है।
प्री-डायबिटीज आहार में शामिल होने वाले खाद्य पदार्थ
1.बादाम में भरपूर मात्रा में प्रोटीन, सेहतमंद फैट्स और फाइबर होते हैं, ये सभी ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। पिछले वर्ष डॉ. अनूप मिश्रा और डॉ. सीमा गुलाटी के प्रकाशित दो नए अध्ययनों में बताया गया कि अपने आहार में केवल बादाम को शामिल कर लेने से डायबिटीज का बोझ कम करने में मदद मिल सकती है। इतना ही नहीं अध्ययन किए गए लोगों में लगभग एक तिहाई लोगों में तीन महीने तक ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर से पहले बादाम लेने से प्रीडायबिटीज सामान्य ब्लड शुगर में तब्दील हो गया। डायबिटीज शोधकर्ताओं ने प्री-डायबिटीज से सामान्य ब्लड ग्लूकोज में आने को “द होली ग्रेल ऑफ मेडिसिन” कहा है। इसलिए, डॉ. पाटिल अपने ब्लड शुगर को स्थिर करने और ओवरईटिंग कम करने के लिए हर रोज मुट्ठीभर बादाम खाने की सलाह देती हैं, चाहे आप इसे स्नैक के रूप में लें या सलाद और दही में मिलाकर खायें।
2.हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, मेथी और अमरनाथ में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है और इनमें फाइबर उच्च मात्रा में होता है। इस वजह से ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने के लिए अपने खाने में इनको शामिल करना अच्छा विकल्प है। ये सब्जियां विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर हैं, जिससे पूरी सेहत बेहतर होती है। इनका निम्न ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) इन्हें प्रीडायबिटीज के नियंत्रण के लिए बेहद अहम बनाता है।
3.ग्रीक योगर्ट प्रोटीन और प्रोबायोटिक्स का एक अच्छा स्रोत है, जोकि पेट की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। इसमें मौजूद प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट के पाचन को धीमा कर देता है, जिससे रक्तधारा में शुगर धीरे-धीरे रिलीज होता है। डॉ. पाटिल बिना मिठास वाला ग्रीक योगर्ट का चुनाव करने और इसमें नट्स या फलों को मिलाकर खाने की सलाह देती हैं। ये ब्लड शुगर के लिए अच्छे स्नैक हैं।
4.लीन प्रोटीन जैसे मछली, चिकन, अंडे और फलियां ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए बेहद जरूरी हैं। मछली, खासकर सालमन जैसी वसायुक्त मछलियों में ओमेगा-3 फैटी एसिड भरपूर मात्रा में होता है, जोकि इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाता है। शाकाहारियों के लिए पनीर और टोफू से इसी तरह के फायदे मिलते हैं। इस तरह के प्रोटीन ब्लड शुगर को बढ़ने से रोकने में मदद कर सकते हैं।
5.साबुत अनाज जैसे ब्राउन राइस, किनुआ और जौ में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है, जोकि शुगर के अवशोषण को धीमा कर देता है। इनका निम्न जीआई इसे ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए आदर्श विकल्प बनाता है। डॉ. पाटिल ऊर्जा को बनाए रखने और ब्लड शुगर के बेहतर नियंत्रण के लिए ओटमील से अपने दिन की शुरुआत करने या ब्राउन राइस को अपने भोजन में शामिल करने की सलाह देते हैं।
यदि आप प्री-डायबिटिक हैं और दवाएं नहीं ले रहे हैं तो इसके लिए डॉ. पाटिल ने स्वच्छ भोजन की आदतों और इन खाद्य पदार्थों को अपने रोजाना के भोजन में शामिल करने की सलाह दी है। शारीरिक रूप से सक्रिय बने रहना उतना ही महत्वपूर्ण है। उनका कहना है कि ब्लड शुगर को नियंत्रित करने और टाइप 2 डायबिटीज को बढ़ने से रोकने के लिए हफ्ते में पांच दिन कम से कम 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि जरूर करें। इनमें वॉकिंग, योगा या हल्की-फुलकी एक्सरसाइज शामिल है।
आहार में इस तरह के बदलाव और शारीरिक रूप से सक्रिय रहकर आप अपने ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रख सकते हैं और अपनी पूरी सेहत बनाए रख सकते हैं। डॉ. पाटिल का संतुलित पोषण और सस्टेनेबल आदतें प्री-डायबिटीज को नियंत्रित करने का एक प्रभावी तरीका है।