भारत ने अंतरराष्ट्रीय मास्टरक्लास में स्किल इंडिया डिजिटल हब का प्रदर्शन किया

कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के माननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयन्त चौधरी ने आज स्किल्स ब्रिज मास्टरक्लास सीरीज में अपने संबोधन के दौरान डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और कोलैबोरेटिव लर्निंग मॉडल की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। यह फ्यूचर ऑफ वर्क के लिए आजीवन सीखने (एलएलएल) को बढ़ावा देने पर केंद्रित है और वेबिनार का विषय – एआई-पॉवेरेड स्किल इंडिया डिजिटल हब (सिद्ध) फॉर ए फ्यूचर रेडी वर्कफोर्स था। इसका आयोजन राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी), अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ), विश्व बैंक और यूनेस्को द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था। वेबिनार में 120 से अधिक प्रतिनिधियों और 3000 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिसमें चर्चा का विषय डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, वर्क बेस्ड लर्निंग मॉडल और कौशल और आजीवन सीखने के इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए इंडस्ट्री एकेडेमिया पार्टनरशिप का लाभ उठाना था।

इस वेबिनार में सिएरा लियोन सरकार के टेक्निकल एंड हायर एजुकेशन मिनिस्टर डॉ. हाजा रामातुलई वुरी, आर्मेनिया सरकार के लेबर एंड सोशल अफेयर मामलों के डिप्टी मिनिस्टर श्री रूबेन सार्गस्यान, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी, दक्षिण एशिया के लिए आईएलओ डिसेंट वर्क टीम और भारत के लिए कंट्री ऑफिस के ऑफिसर इन-चार्ज श्री रवि पीरिस, यूनेस्को के पॉलिसी एंड लाइफलॉन्ग लर्निंग सिस्टम के डायरेक्टर श्री बोरहेन चाकरून, भारत में नैसकॉम की अध्यक्ष सुश्री देबजानी घोष, विश्व बैंक की लीड एजुकेशन स्पेशलिस्ट सुश्री शबनम सिन्हा, डॉ. अश्विनी अग्रवाल, वर्कग्रुप लीडर (स्किल और लाइफलॉन्ग लर्निंग पॉलिसी, सिस्टम और डिजिटलाइजेशन), आईएलओ जिनेवा; एनएसडीसी के सीईओ और एनएसडीसी इंटरनेशनल के एमडी श्री वेद मणि तिवारी और एनएसडीसी और एनएसडीसी इंटरनेशनल की सीटीओ सुश्री श्रेष्ठ गुप्ता ने भाग लिया। अपने संबोधन के दौरान, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के माननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), श्री जयन्त चौधरी ने कहा, “हम चौथी औद्योगिक क्रांति की शुरुआत देख रहे हैं, जहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और ऑटोमेशन इंडस्ट्री को पुनर्परिभाषित कर रहे हैं। इस परिदृश्य में, आज हम जो कौशल हासिल करते हैं, वे कल अप्रचलित हो सकते हैं। इसलिए, आजीवन शिक्षा को अपनाना आज न केवल अनिवार्य है, बल्कि एक परम आवश्यकता है। इस विज़न के अनुरूप, भारत सरकार एक ऐसा इकोसिस्टम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है जो आजीवन शिक्षा को बढ़ावा दे।”

उन्होंने आगे कहा, “इस बदलाव के केंद्र में स्किल इंडिया डिजिटल हब (सिद्ध) है, जो इस बात का एक प्रमुख उदाहरण है कि कैसे डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चक सीखने और कौशल विकास में क्रांति ला सकता है। सिद्ध सिर्फ एक प्लेटफॉर्म नहीं है, यह एक विश्वसनीय और पारदर्शी इकोसिस्टम है जो हमारे विशाल स्किलिंग लैंडस्केप के विविध एलिमेंट्स को जोड़ता है।” एनएसडीसी के सीईओ और एनएसडीसी इंटरनेशनल के एमडी श्री वेद मणि तिवारी और एनएसडीसी और एनएसडीसी इंटरनेशनल की सीटीओ सुश्री श्रेष्ठा गुप्ता ने अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों और दर्शकों के सामने सिद्ध प्लेटफॉर्म का प्रदर्शन किया। इस प्लेटफॉर्म की प्रशंसा की गई क्योंकि प्रदर्शन में त्वरित रजिस्ट्रेशन और एआई-संचालित जॉब एक्सचेंज जैसी सुविधाओं के साथ कौशल प्रशिक्षण को सुव्यवस्थित करने में सिद्ध की भूमिका पर प्रकाश डाला गया, जिसका उद्देश्य कौशल अंतर को पाटना और व्यक्तियों को फ्यूचर रेडी स्किल्स के साथ सशक्त बनाना है।

By Business Bureau