युद्धग्रस्त इजरायल से भारतीयों को बचाने के लिए शुरू किए गए ‘ऑपरेशन अजय’ के तहत लोगों की वतन वापसी जारी है। इस बीच भारत ने हमेशा की तरह मुसीबत में फंसे अपने पड़ोसी देशों के नागरिकों के लिए भी मदद के हाथ खोल दिए हैं।‘ऑपरेशन अजय’ के तहत नेपाल के 18 नागरिकों सहित 286 भारतीय नागरिकों को लेकर पांचवीं उड़ान मंगलवार देर रात को दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पहुंची। आगमन पर, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री एल. मुरुगन ने उनका स्वागत किया। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘ऑपरेशन अजय आगे बढ़ा है। 286 और यात्री भारत लौट रहे हैं। विमान में 18 नेपाली नागरिक भी सवार हैं।’’
नेपाल के विदेश मंत्री एन. पी. सऊद ने इजरायल से नेपाल के नागरिकों को निकालने के लिए अपने भारतीय समकक्ष, विदेश मंत्री एस. जयशंकर के प्रति आभार व्यक्त करते हुए ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘महामहिम डॉ. एस. जयशंकर, हम कठिन समय में इस मदद की सराहना करते हैं। नेपाल और नेपाली लोग आभारी हैं।’’निकासी के बाद, भारत में नेपाल के राजदूत ने कहा, ‘‘हम नेपाली नागरिकों को तेल अवीव से दिल्ली वापस लाने के लिए भारत सरकार का धन्यवाद करते हैं।’’
इजरायल से लौटी नेपाली नागरिक अंबिका ने कहा, ‘‘इजरायल में स्थिति खतरनाक है। हम डरे हुए थे। विस्फोट हो रहे थे। हमें वापस लाने के लिए भारत सरकार का धन्यवाद।’’दुनिया के किसी भी देश में जब कभी आपदाएं आती हैं या युद्ध जैसे हालात बनते हैं तो भारत अपनों को बचाने के लिए तुरंत एक्शन मोड में आ जाता है। हाल के वर्षों के कुछ उदाहरणों पर गौर करें तो हम पाएंगे कि चाहे यमन में हुई हिंसा हो, रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध हो, या फिर सूडान में बिगड़े हालात हो, भारत ने हमेशा तत्परता दिखाई है। इसके अलावा नेपाल में आए भूकंप और कोविड-19 महामारी के दौरान चीन से भारतीयों की वतन वापसी भी बड़े उदाहरण हैं।भारत ने महामारी के दौरान न केवल अपने लोगों बल्कि म्यांमार, बांग्लादेश, मालदीव, चीन, अमेरिका, मेडागास्कर और दक्षिण अफ्रीका के नागरिकों को भी मुसीबत से निकाला था।