SOAR कार्यक्रम के माध्यम से स्कूली छात्रों को AI स्किल से सुस्सजित करने की दिशा में भारत के तेजी से बढ़ते कदम

विज्ञान और तकनीक की तेज़ी से बढ़ती इस दुनिया में भारत ने केवल बदलावों को देखने तक ही खुद को सीमित नहीं रखा है, बल्कि यह उसके अनुरूप काम करने और अपनी भावी पीढ़ी को इसके लिए तैयार करने के लिए नित नए कदम उठा रहा है। देश लगातार नए और भविष्योन्मुख कार्यक्रमों को आकार दे रहा है। यह आवश्यक भी है, क्योंकि तेजी से बदलती दुनिया में तकनीक हर रोज़ नई शक्ल ले रही है और हमारे जीवन को गहराई से प्रभावित कर रही है। उदाहरण के लिए आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (एआई) ने हमारे हर काम को गहराई से प्रभावित करना शुरू कर दिया है। मोबाइल ऐप से लेकर खेती-बाड़ी और दवा तक, हर जगह इसके प्रभाव को महसूस किया जा सकता है।  ऐसे में, भारत सरकार के कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) द्वारा हाल में शुरू किये गए SOAR (स्किलिंग फॉर एआई रेडीनेस) कार्यक्रम इसके मजबूत इरादों और दूरदृष्टि को दर्शाती है। यह राष्ट्रीय पहल ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर महानगरों तक के सभी छात्रों (कक्षा 6 से 12) और शिक्षकों के बीच एआई साक्षरता (AI Literacy) को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखती है। इसका उद्देश्य है भारतीय युवाओं को सुरक्षित, एआई-संचालित भविष्य के लिए तैयार करना और उन्हें आलोचनात्मक व विश्लेषणात्मक सोच की ओर प्रेरित करना। आईटी क्षेत्र में विश्वभर में अपनी मजबूत पहचान बनानेवाले भारत में SOAR की आवश्यकता तकनीक के तेज रफ्तार द्वारा पैदा किया गए स्किल गैप की वजह से महसूस की गई। ऐसा अनुमान है कि 2030 तक आधे से अधिक भारतीय कामगारों को एआई और डिजिटल तकनीकों से जुड़ी नई क्षमताओं की ज़रूरत होगी। यदि समय रहते बच्चों और युवाओं को प्रशिक्षित नहीं किया गया, तो वे केवल उपभोक्ता बनकर रह जाएंगे। ऐसे में SOAR छात्रों को केवल तकनीक का उपयोग करने वाला नहीं, बल्कि डिजिटल भविष्य का सक्रिय निर्माता बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

साथ ही, भारत को आईटी क्षेत्र की तरह ही एआई में भी वैश्विक मंच पर मजबूत स्थिति में प्रस्तुत करना भी इस कार्यक्रम की शुरुआत का एक मुख्य कारण है। एक और खास वजह ये है कि भारत अपना ध्यान युवा शक्ति का उपयोग एआई और अन्य आधुनिक तकनीक के बेहतर इस्तेमाल और उसका पूरा लाभ उठाने पर केंद्रित कर रहा है। इससे निश्चित तौर पर तकनीक के क्षेत्र में भारत की महत्वाकांक्षाओं को बल मिलेगा क्योंकि इससे नवाचार और उद्यमशीलता को बढ़ावा मिलेगा। यह पहल ग्रामीण और शहरी—दोनों इलाकों के छात्रों को जोड़ने की एक उम्दा कोशिश भी है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि छोटे कस्बों या सरकारी स्कूलों के बच्चे भी भविष्य की तकनीकी दौड़ में पीछे न छूटें। SOAR मुख्यतः छात्रों में एआई की बुनियादी समझ विकसित करने पर केंद्रित है। यह केवल किताबों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके अंतर्गत छात्रों को कहानियों, खेल-आधारित पाठ्यक्रम और केस स्टडीज के ज़रिए सिखाया जाएगा कि आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस कैसे काम करता है। मशीन लर्निंग, नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग और न्यूरल नेटवर्क्स जैसी जटिल तकनीकों को भी आसान भाषा में समझाया जाएगा।

उन्नत स्तर पर बच्चे कोडिंग, डेटा एनालिसिस और चैटबॉट बनाने जैसी गतिविधियों से जुड़ेंगे। इस कार्यक्रम का एक खास पक्ष नैतिकता पर ज़ोर देना है। कार्यक्रम यह सुनुश्चित करेगा कि छात्र केवल तकनीक का इस्तेमाल करना ही न सीखें, बल्कि यह भी समझें कि इसका समाज और देश के लिए सही उपयोग कैसे होना चाहिए। इसी कारण स्कूलों में एआई प्रयोगशालाएं और क्लब भी बनाए जा रहे हैं। इस कार्यक्रम के अंतर्गत छात्रों को 15-घंटे के तीन मॉड्यूल पेश किये जायेंगे—AI की मूल जानकारी (AI to be Aware), व्यावहारिक कौशल (AI to Acquire) और उन्नत अनुप्रयोग (AI to Aspire)। वहीं, शिक्षकों के लिए 45-घंटे का AI for Educators मॉड्यूल तैयार किया गया है, ताकि वे बच्चों की एआई यात्रा में मार्गदर्शक बन सकें। मंत्रायल इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। इसने स्किल इम्पैक्ट बांड (एसआईबी) के ज़रिए इस कार्यक्रम के लिए $14.4 मिलियन की धनराशि जुटाई है। यह फण्ड इस कार्यक्रम को आगे बढ़ने और वंचित लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक होगा। इस कार्यक्रम को पहले ही 10,000 से अधिक स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चलाया जा चुका है और शुरुआती नतीजे बेहद उत्साहजनक रहे हैं। छात्रों ने एआई सीखने में गहरी रुचि दिखाई। सरकार का लक्ष्य 2027 तक इसे देशभर के सभी प्रमुख संस्थानों में लागू करने का है। इस पहल से न केवल शिक्षा का स्तर सुधरेगा, बल्कि यह भारत को तकनीकी नवाचारों का वैश्विक केंद्र बनाने में भी मदद करेगा। जैसे-जैसे एआई शिक्षा गाँव-गाँव और शहर-शहर पहुँचेगी, वैसे-वैसे भारत के बच्चे भविष्य की तकनीकी दौड़ में आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सकेंगे। यह केवल शिक्षा सुधार नहीं, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन है—जहाँ गाँव का छात्र भी उतना ही भविष्य-तैयार होगा जितना महानगर का। SOAR वास्तव में भारत के बच्चों को नई उड़ान देने का एक बेहतर प्रयास है। यह पहल निश्चित तौर पर स्किल इंडिया और ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य को मजबूत करेगी और भारतीय युवाओं को वैश्विक स्तर पर तकनीकी नवाचारों का नेतृत्व करने के लिए तैयार करेगी।

By Business Bureau