आखिरकार सिलीगुड़ी शहर को शव दाह के लिए दूसरी इलेक्ट्रिक भट्टी मिल गई। जिससे शव दाह के लिए श्मशानघाट में लोगों को लाइनों में लगकर इंतजार नहीं करना पड़ेगा व समय बर्बाद होने से बच जाएगा। पूर्व नगर विकास मंत्री अशोक भट्टाचार्य की पहल पर सिलीगुड़ी में किरणचंद श्मशान घाट वैद्युतिक भट्टी का निर्माण हुआ था। दाह संस्कार की प्रक्रिया दो भट्टियों से शुरू हुई थी। बाद में जब एक भट्टी टूट गई तो एक भट्टी से दाह-संस्कार की प्रक्रिया चलती रही। परिणामस्वरूप, शव दाह के लिए आये लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ता था। इसमें काफी परेशानी हो रही थी। दूसरी ओर, दाह संस्कार के दबाव को कम करने के लिए, SJDA ने साहु़डांगी में एक वैकल्पिक भट्टी का निर्माण किया। इस बार, दाह संस्कार के दबाव को पूरी तरह से कम करने के लिए नगरपालिका ने सिलीगुड़ी में नई भट्टी बनाने की पहल की। सोमवार को सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव ने किरणचंद्र श्मशानघाट में दूसरी शवदाह भट्टी का लोकार्पण किया। डिप्टी मेयर रंजन सरकार, कमिश्नर सोनम वांगडी भूटिया, अध्यक्ष प्रतुल चक्रवर्ती, वार्ड नं। 1 पार्षद संजय पाठक सहित नगरपालिका के अन्य अधिकारी मौजूद रहे। मेयर गौतम देव ने कहा, “लोगों की मांग के अनुसार 1 करोड़ 53 लाख की लागत से यह भट्टी बनाई गई है। कुछ अतिरिक्त कार्य हैं, जो जल्द ही पूरे कर लिए जाएंगे।”